
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का पुनर्गठन किया है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से नौ प्रतिष्ठित हस्तियों को तीन साल के लिए बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किया है। बोर्ड के पुनर्गठन को मंजूरी देने वाली अधिसूचना उपराज्यपाल ने जारी की। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ही श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी होते हैं।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में कुल 10 सदस्य हैं। पहले सदस्य और अध्यक्ष उपराज्यपाल होते हैं, जो फिलहाल मनोज सिन्हा हैं। उपराज्यपाल जिन नौ सदस्यों को नामित किया है। उनमें सुधा मूर्ति, महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरिजी महाराज, डॉ. अशोक भान, आईपीएस (सेवानिवृत्त), बालेश्वर राय, आईएएस (सेवानिवृत्त), गुंजन राणा, डॉ. के.के. तलवार, कुलभूषण आहूजा, ललित भसीन और सुरेश कुमार शर्मा शामिल हैं।
2022 में हुआ था पुनर्गठन
मनोज सिन्हा ने इससे पहले 2022 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के पुनर्गठन को मंजूरी दी थी। 15 मार्च को जारी अधिसूचना में बोर्ड के आठ सदस्यों को मनोनीत किया गया था। इनमें एआईएमआईएल फार्मास्युटिकल्स के अध्यक्ष के के शर्मा, मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरिजी महाराज, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अशोक भान, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी बालेश्वर राय और जम्मू के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुरेश कुमार शर्मा शामिल थे।
बोर्ड में सुधा मूर्ति नया नाम
उपराज्यपाल ने श्राइन बोर्ड के सदस्यों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है। अधिकतर नाम वही हैं, जो पहले से बोर्ड में थे। हालांकि, एआईएमआईएल फार्मास्युटिकल्स के अध्यक्ष के के शर्मा की जगह सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक नरायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति को बोर्ड में शामिल किया गया है।
श्राइन बोर्ड का हो रहा था विरोध
जम्मू कश्मीर श्राइन बोर्ड ने भक्तों की सुविधा के लिए वैष्णो देवी मंदिर तक रोपवे सेवा शुरू करने का फैसला किया था। इसका निर्माण शुरू होने पर स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था। लोगों का कहना था कि रोपवे बनने से स्थानीय लोगों का रोजगार खत्म हो जाएगा। मौजूदा समय में भक्तों के मंदिर तक ले जाने के काम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग लगे हुए हैं। रोपवे का विरोध कनरे वाले लोगों ने श्राइन बोर्ड को भी भंग करने की मांग की थी।