
जिया उर रहमान बर्क
संभल: यूपी के संभल के चंदौसी इलाके में गिराई गई मस्जिद का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इस मुद्दे पर बयान दिया है और इसे संविधान की आत्मा पर चोट बताया है। बर्क ने कहा कि बुलडोजर की यह सियासत संविधान और न्यायपालिका दोनों का अपमान है।
बर्क ने और क्या कहा?
सांसद बर्क ने फेसबुक पर पोस्ट कर कहा, ‘मैं पहले से कहता आया हूं कि बुलडोज़र का इस्तेमाल इंसाफ के लिए नहीं, एक ख़ास वर्ग को डराने और कुचलने की साजिश के लिए किया जाता है। यह सिलसिला अब मुसलमानों की मस्जिदों, दुकानों और घरों तक पहुंच चुका है।’
बर्क ने कहा, ‘यह घटना मेरी लोकसभा के चंदौसी क्षेत्र की है, जहां रज़ा-ए-मुस्तफा मस्जिद को केवल इसलिए शहीद किया गया क्योंकि वह एक ‘अवैध निर्माण’ थी। ऐसा कहकर प्रशासन ने उसे मिटा दिया। लेकिन सवाल ये है कि क्या इस देश में हजारों नहीं, लाखों की तादाद में धार्मिक स्थल ऐसी जगह पर होंगे जो बिना नक्शे के बने हैं या नगर पालिका या ग्राम पंचायत की जमीन पर बने हैं। क्या पुलिस प्रशासन में इतनी हिम्मत है कि सबको हटवा सके?’
बर्क ने कहा, ‘कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। एक तरफ संरक्षण दिया जाता है और दूसरी तरफ मस्जिदों को शहीद किया जाता है। मैं तो कहना चाहता हूं कि मस्जिद के साथ-साथ किसी भी धर्म के धार्मिक स्थल को सियासत में डालकर नहीं तोड़ना चाहिए।’
बर्क ने कहा, ‘बुलडोजर की यह सियासत संविधान और न्यायपालिका दोनों का अपमान है। अगर इसी तरह अफसरशाही और सरकारें खुद ही जज बनकर फैसले सुनाएंगी, तो फिर अदालतों की क्या जरूरत रह जाएगी?’ बर्क ने कहा, ‘यह सिर्फ एक मस्जिद नहीं गिरी बल्कि यह हमारे हूकुक, हमारी आस्था और हमारे संविधान की आत्मा पर चोट है। हम इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। लोकतंत्र और इंसाफ की हिफाजत के लिए। संविधान जिंदाबाद, हिंदुस्तान जिंदाबाद!’