फाइटर जेट तेजस Mk-1A में ये खतरनाक मिसाइल भी लगेगी, पाकिस्तान के साथ-साथ चीन भी कांपेगा


तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान
Image Source : PTI
तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान

नई दिल्ली: भारत अपने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk-1A में Mk1 बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) लगाने की तैयारी कर रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड जुलाई के अंत /या अगस्त तक इसका ट्रायल शुरू कर सकता है। यह विमान मुख्य रूप से चीन और पाकिस्तान जुड़े दोहरे मोर्चे के खतरे से निपटने के लिए तैयार किया है। Mk-1A अगले दशक में भारत की सामरिक प्रतिक्रिया का मुख्य हिस्सा बनने के लिए तैयार है।


  

तेजस Mk-1A को अपग्रेड किया गया है

Mk-1A पहले के तेजस Mk-1 वैरिएंट की तुलना में एक महत्वपूर्ण अपग्रेड है। इस विकास का केंद्र इसका सेंसर सूट है, जिसकी अगुआई इजरायली मूल के ELM-2052 एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार द्वारा की जाती है, जो Mk-1 में यांत्रिक रूप से स्कैन किए गए रडार पर एक उल्लेखनीय सुधार है। यह AESA सिस्टम लंबी दूरी पर कई लक्ष्यों की एक साथ ट्रैकिंग करने में सक्षम बनाता है, यहां तक कि लद्दाख या पूर्वोत्तर जैसे जटिल इलाकों के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें डिजिटल कॉकपिट इंटरफ़ेस, स्मार्ट मल्टी-फ़ंक्शन डिस्प्ले (SMFDs) और एक डिजिटल फ़्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A) लगा हुआ है जो उच्च गति और ऊंचाई पर बेहतर हैंडलिंग प्रदान करता है।

तेजस लड़ाकू विमान

Image Source : PTI

तेजस लड़ाकू विमान

तेजस Mk-1A इन चीजों से भी होगा लैस

तेजस Mk-1A में स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) की भी सुविधा है। यह स्व-सुरक्षा जैमर, रडार चेतावनी रिसीवर (RWR), काउंटरमेजर डिस्पेंसिंग सिस्टम (CMDS) से लैस है। यह सिस्टम विमान को दुश्मन के खतरों का पता लगाने, उनसे बचने या उन्हें धोखा देने के लगाया गया है। यह एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग (AAR) और सॉफ़्टवेयर परिभाषित रेडियो (SDR) से भी लैस है। जिससे संयुक्त-बल और नेटवर्क-केंद्रित संचालन में सहज एकीकरण की अनुमति मिलती है।

कई तरह के हथियार ले जा सकता है तेजस

तेजस Mk-1A न केवल बेहतर तरीके से बचाव करता है, बल्कि यह अधिक तेज़ी से वार भी करता है। नौ बाहरी हार्डपॉइंट के साथ, यह जेट भारतीय और पश्चिमी मूल के कई हथियार ले जा सकता है। यह बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइल जिसकी रेंज 100 किलोमीटर से अधिक है, को ले जा सकता है। दुश्मन के हवाई क्षेत्रों और बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले के लिए पाइथन-5 और एएसआरएएएम, एसएएडब्ल्यू और लेजर-गाइडेड बम (एलजीबी) को भी यह ले जा सकता है। इससे ब्रह्मोस मिसाइल भी दागी जा सकती है। 

तेजस लड़ाकू विमान

Image Source : PTI

तेजस लड़ाकू विमान

 हर साल बनेगा 16 तेजस फाइटर जेट

बता दें कि नासिक, बेंगलुरु और हैदराबाद के बाद HAL की तीसरी समर्पित तेजस लाइन, प्रति वर्ष 16 जेट की क्षमता को बढ़ाएगी। वित्त वर्ष 2025-26 में नासिक से 3 से 4 Mk-1A की डिलीवरी की योजना है। 

चीन-पाकिस्तान से मुकाबले के लिए Mk-1A की अब क्यों ज़रूरत है

तेजस Mk-1A की शुरुआत दक्षिण एशिया में सुरक्षा समीकरण में बदलाव के बीच हुई है। पाकिस्तान की चीन पर निर्भरता और भी बढ़ गई है। JF-17 ब्लॉक III कार्यक्रम चीनी उप-प्रणालियों पर बहुत अधिक निर्भर है, जिसमें शामिल हैं:

  1. KLJ-7A AESA रडार
  2. PL-15 BVR मिसाइल जिसकी अनुमानित रेंज 150-200 किमी है।
  3. ग्लास कॉकपिट और हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले (HMD)।
  4. इसके साथ ही, चीन ने तिब्बत और झिंजियांग में अग्रिम ठिकानों पर J-20 स्टील्थ फाइटर, लंबी दूरी के SAM और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध इकाइयों को तैनात किया है। 

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *