
सांकेतिक तस्वीर
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई छात्रों के लिए दुनिया के शीर्ष 130 शहरों में शामिल हैं। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को छात्रों के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे किफायती शहर का दर्जा दिया गया है। मंगलवार को जारी की गई ‘क्यूएस रैंकिंग’ से यह जानकारी निकल कर सामने आई है।
मुंबई ने टॉप 100 में बनाई जगह
छात्रों के लिहाज से बेहतरीन शहरों की रैंकिंग में शामिल सभी चार भारतीय महानगरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई ने अपनी स्थिति में सुधार किया है, जो भारत में उच्च शिक्षा के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है। लंदन स्थित क्यूएस द्वारा जारी किए गए ‘2026 क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट सिटीज़ रैंकिंग’ के अनुसार, मुंबई ने वैश्विक शीर्ष 100 शहरों में फिर से प्रवेश किया है और 15 स्थान ऊपर चढ़कर 98वें स्थान पर पहुंच गया है।
दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई ने भी किया सुधार
दिल्ली सात स्थान चढ़कर 104वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि भारतीय शहरों में बेंगलुरु सबसे ज़्यादा सुधार करते हुए 22 स्थान ऊपर चढ़कर 108वें स्थान पर पहुंच गया है। चेन्नई भी उल्लेखनीय रूप से आगे बढ़ा है और 12 स्थान ऊपर चढ़कर 128वें स्थान पर पहुंच गया है।
इन शहरों में स्नातकों के लिए रोजगार की मजबूत संभावनाएं
मुंबई और बेंगलुरु ने भी किफायती के पैमाने पर अच्छा प्रदर्शन किया है और शीर्ष 15 शहरों में शामिल हैं। नियोक्ता गतिविधि श्रेणी में दिल्ली और मुंबई दोनों ही वैश्विक स्तर पर शीर्ष 50 में शामिल हो गए हैं, जो स्नातकों के लिए रोजगार की मजबूत संभावनाओं को दर्शाता है। इस आयाम में बेंगलुरु ने सबसे तेज छलांग लगाई है, जो 41 स्थानों की छलांग लगाकर 59वें स्थान पर पहुंच गया है। जबकि चेन्नई ने 29 स्थानों की प्रभावशाली छलांग लगाई है।
इस रैकिंग को लेकर क्या बोले QS के CEO?
क्यूएस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जेसिका टर्नर ने कहा, ‘2026 क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट सिटीज़ रैंकिंग में भारत की बढ़ती उपस्थिति एक सांख्यिकीय उछाल से कहीं अधिक है। यह देश के उच्च शिक्षा परिदृश्य में एक ढांचागत बदलाव को दर्शाती है। जैसे-जैसे हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की पांचवीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रहे हैं, वैश्विक जुड़ाव, गुणवत्ता वृद्धि और छात्र-केंद्रित शिक्षा पर इसका ध्यान अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाभदायक दिखने लगा है।’
तीसरे स्थान पर खिसका लंदन
लगातार छह सालों तक शीर्ष स्थान पर रहा लंदन तीसरे स्थान पर खिसक गया, जिसका मुख्य कारण ‘किफायती’ सूचकांक में उल्लेखनीय गिरावट थी। जहां यह 11 स्थान नीचे गिरकर विश्व स्तर पर 137वें स्थान पर आ गया।
दी जाती है क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग
बता दें कि क्यूएस कम से कम 2,50,000 की आबादी वाले शहरों और कम से कम दो विश्वविद्यालयों को क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में स्थान दिलाने वाले शहरों को रैंकिंग प्रदान करता है। (भाषा के इनपुट के साथ)