बिहार: आधार कार्ड के जरिए क्यों नहीं बन रहे वोटर कार्ड, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में बताया


Election commission
Image Source : PTI
चुनाव आयोग के अधिकारी

बिहार में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है। इस हलफनाम में एसआइआर का बचाव किया गया है और इसके समर्थन में तर्क दिए गए हैं। चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में बताया है कि 90 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन अभियान के तहत नामांकन फॉर्म भर दिए हैं। आयोग ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी मतदाता सूची से छूटे नहीं। खासतौर पर गरीब, वंचित और हाशिए पर आए समुदायों को प्राथमिकता दी गई है।

आधार कार्ड के जरिए क्यों नहीं बन रहा वोटर कार्ड

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में आधार को दस्तावेज सूची से बाहर रखने का बचाव करते हुए कहा कि आधार कार्ड को 11 दस्तावेजों की सूची में शामिल नहीं किया गया, क्योंकि यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदाता की पात्रता साबित करने में मदद नहीं करता।

दस्तावेजों की सूची अंतिम नहीं

चुनाव आयोग ने हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया है कि मतादाता सूची में नाम शामिल करने के लिए जिन दस्तावेजों को दिखाना जरूरी है, उनकी सूची संकेतात्मक है। यह सूची अंतिम नहीं है। ऐसे में जरूरत पड़ने पर अन्य दस्तावेज भी मान्य हो सकते हैं। हालांकि, अब तक इसका कोई उदाहरण सामने नहीं आया है, जहां किसी अन्य दस्तावेज के आधार पर किसी का नाम मतदाता सूची में जोड़ा गया हो।

राजनीतिक दलों की भागीदारी बढ़ी

चुनाव आयोग ने बताया कि यह पहला अवसर है जब सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने इतनी बड़ी संख्या में भागीदारी की है और 1.5 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट तैनात किए गए हैं। ये एजेंट बूथ लेवल के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

मतदाता सूची पर लोगों का भरोसा बढ़ाने की कोशिश

चुनाव आयोग ने हलफनामे में कहा है कि यह सर्वे राजनीतिक दलों की तरफ से उठाई गई चिंताओं के बाद शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया और मतदाता सूची में जनता का विश्वास बहाल करना है।

यह भी पढ़ें-

जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के पद से दिया इस्तीफा, सामने आई बड़ी वजह, अपने कार्यकाल को किया याद

‘ED सारी हदें पार कर रहा’, कानूनी सलाह देने वाले वकीलों को तलब किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

 

 

 

 

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *