अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की है। ट्रंप के इस फैसले से अमेरिका निर्यात किया जाने वाला करीब-करीब आधा भारतीय बिजनेस प्रभावित होगा। फिच रेटिंग्स के मुताबिक, इस साल 18.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के कारण, भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी प्रभावी टैरिफ रेट 2025 में 20.7% हो जाएगी, जो 2024 में 2.4% थी। अमेरिका द्वारा टैरिफ में की जाने वाली इस बढ़ोतरी से भारत की आर्थिक वृद्धि पर भी कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ने का खतरा है।
रूस के साथ व्यापार के लिए अलग से जुर्माना लगाने की घोषणा
सोमवार को फिच ने कहा कि कुल मिलाकर, अमेरिका का प्रभावी टैरिफ रेट अब 17% है, जो 3 अप्रैल के अनुमान से लगभग 8 प्रतिशत अंक कम है, जब उच्च पारस्परिक टैरिफ की मूल रूप से घोषणा की गई थी। पिछले हफ्ते, डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ की घोषणा के साथ ही रूस के साथ व्यापार के लिए अलग से जुर्माना लगाने का भी ऐलान किया था।
गोल्डमैन सेक्स ने घटाया आर्थिक विकास का अनुमान
गोल्डमैन सैक्स ने सोमवार को अमेरिकी टैरिफ के कारण भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को 2025 के लिए घटाकर 6.5% और 2026 के लिए 6.4% कर दिया। गोल्डमैन सैक्स ने आगे कहा, “हमारे विचार से, इनमें से कुछ टैरिफ को समय के साथ कम करने पर बातचीत की जा सकती है और विकास के रास्ते पर आगे और नकारात्मक जोखिम मुख्य रूप से अनिश्चितता से उत्पन्न होता है।”
भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने पर क्या है मूडीज का विचार
एचडीएफसी बैंक के अनुसार, टैरिफ से भारत की जीडीपी वृद्धि में 20-25 बेसिस पॉइंट्स का नकारात्मक जोखिम है। मूडीज रेटिंग्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट क्रिश्चियन डी गुज़मैन ने कहा, “विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक सीमित पहुंच भारत की अपने विनिर्माण क्षेत्र, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उच्च मूल्यवर्धित क्षेत्रों को विकसित करने की महत्वाकांक्षाओं की संभावनाओं को कम करती है। भारत की अर्थव्यवस्था के लचीले बने रहने की उम्मीद है क्योंकि ये एशिया-प्रशांत की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में व्यापार पर कम निर्भर है।”