
रामदास सोरेन की फाइल फोटो
रांचीः झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का शुक्रवार को 62 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। सोरेन की हालत गंभीर थी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। अपने आवास के बाथरूम में गिरने के बाद जमशेदपुर से एयरलिफ्ट करके 2 अगस्त को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वरिष्ठ विशेषज्ञों की एक टीम उनके स्वास्थ्य पर कड़ी नज़र रख रही थी।
मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने जताया शोक
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पर एक पोस्ट में इस खबर की पुष्टि करते हुए लिखा, “आपको ऐसे नहीं जाना चाहिए था, रामदास दा… अंतिम जौहर, दादा।” झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने भी मंत्री के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन के आकस्मिक निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है। उनका निधन राज्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
बाथरूम में गिरने के बाद घायल हो गए थे मंत्री
2 अगस्त को दिल्ली लाए जाने के बाद रामदास सोरेन लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। उस दिन जारी एक बयान के अनुसार, उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी और वरिष्ठ विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक टीम गहन चिकित्सा देखभाल प्रदान कर रही थी। 2 अगस्त को अपने आवास के बाथरूम में गिरने के बाद मंत्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दिल्ली आने से पहले, उन्हें जमशेदपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बीजेपी और कांग्रेस ने भी जताया शोक
झारखंड भाजपा और कांग्रेस ने भी रामदास के निधन पर शोक जताया है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 12 दिनों में झारखंड के दो बड़े नेताओं का निधन हो गया। रामदास सोरेन ने झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी और उन्हें ‘झारखंड आंदोलन’ के स्तंभ के रूप में जाना जाता था… रामदास सोरेन एक बहुत बड़े नेता थे… झारखंड में दुख की लहर है…”।
इनपुट- एएनआई