‘ऐसे फालतू काम नहीं करती’, पवित्र रिश्ता की ऊषा ताई ने ठुकराई थी जोया अख्तर की ‘गली बॉय’, क्यों आया गुस्सा?


Usha Nadkarni- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/@USHA NADKARNI
ऊषा नाडकर्णी।

टीवी सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ से घर-घर में अपनी पहचान बनाने वालीं मराठी एक्ट्रेस ऊषा नाडकर्णी ने कई हिंदी और मराठी फिल्मों में भी काम किया है। ऊषा नाडर्कणी सालों से मनोरंजन जगत में एक्टिव हैं। अब हाल ही में उन्होंने जोया अख्तर की फिल्म ‘गली बॉय’ से जुड़ा एक खुलासा किया, जिसमें रणवीर सिंह और आलिया भट्ट लीड रोल में नजर आए थे। दिग्गज अभिनेत्री ने बताया कि उन्होंने जोया अख्तर की इस ब्लॉकबस्टर फिल्म में मिला एक रोल ठुकरा दिया था। उन्होंने ऐसा करने के पीछे की वजह का भी खुलासा किया।

जब ऑडिशन का सुनकर भड़क गईं ऊषा ताई

ऊषा नाडकर्णी ने पिंकविला के साथ बातचीत में इस फिल्म के बारे में बात की और खुलासा किया कि उन्होंने अपनी बेइज्जती के कारण ये रोल ठुकरा दिया था। उन्होंने बताया कि उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में कई बार छोटा फील कराया है और उनमें इतना सब्र नहीं है कि वह प्रोडक्शन हाउस को जाकर ऑडिशन दें। उनका कहना है कि जब कोई उन्हें कोई रोल ऑफर करता है तो उसे उनके बारे में पढ़ लेना चाहिए।

ऊषा नाडकर्णी ने क्यों ठुकरा दी थी गली बॉय?

ऊषा नाडकर्णी ने गली बॉय में रोल ठुकराने के बारे में बात करते हुए बताया कि उन्हें फिल्म में रोल के लिए ऑडिशन देने को कहा गया था और जिसने उन्हें ऑडिशन देने को कहा था, वह सिर्फ 25 साल का था, जबकि उनकी खुद की उम्र 78 साल है। उन्होंने कहा- ‘गली बॉय नाम की एक फिल्म आई थी गली बॉय नाम था और किसी ने मुझे ऑडिशन देने को कहा। मैंने उससे पूछा, कि तुम्हारी उम्र क्या है? उसने बताया कि वह 25 साल का है। मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हारी मां की उम्र से भी ज्यादा समय से काम कर रही हूं।’

मेरा नाम कंप्यूटर पर देख लें- ऊषा नाडकर्णी

ऊषा नाडकर्णी आगे कहती हैं- ‘मैं ऐसे ऑडिशन देने के फालतू काम नहीं करती। मैंने उससे पूछा कि तुम्हारी फिल्म की डायरेक्टर कौन है, तो उसने मुझे जोया अख्तर का नाम बताया। मैंने कहा कि बड़े बाप की बेटी है ना, तो मेरा काम देखे। मेरा नाम कंप्यूटर पर खोच ले, फिर पता चलेगा कि मैंने क्या काम किया है। ये बच्चे असिस्टेंट डायरेक्टर, खुद को बहुत स्पेशल समझते हैं। लेकिन, ये दो सेंटेंस तक ठीक से नहीं जोड़ पाते। एक बार, मुझे एक और ऑडिशन के लिए बुलाया गया और जब मैं लोकेशन पर पहुंची तो दो बच्चे बैठे दिखे। उनमें इतनी भी तमीज नहीं थी कि कुर्सी ऑफर कर सकें। उन्हें उनके माता-पिता ने तमीज नहीं सिखाई।’

स्क्रिप्ट फेंककर बाहर चली गईं ऊषा नाडकर्णी

‘उन लड़कों ने मुझे बताया कि मैं जिससे मिलने आई हूं वो अभी व्यस्त हैं और मुझे स्क्रिप्ट थामा दी और ये स्क्रिप्ट पढ़कर सुनाने को कहा। मैंने स्क्रिप्ट वहीं फेंक दी और बाहर चली गई। ये लोग मुझे पागल कर देते हैं। अरे पहले सामने वाले की औकात तो देखो, फिर ऑडिशन देने को। मुझे आप भले घमंडी कहें, लेकिन मैं गलत नहीं हूं।’





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