
मिथुन चक्रवर्ती
बॉलीवुड के डिस्को डांसर और ‘दादा’ के नाम से मशहूर मिथुन चक्रवर्ती का यादगार फिल्मी सफर पांच दशक से भी लंबा रहा है। उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी है। उन्होंने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। तीन बार नेशनल अवॉर्ड, फिल्मफेयर, पद्म भूषण और सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके मिथुन चक्रवर्ती एक्टिंग के अलावा राजनीति में भी अपना जलवा दिखा चुके हैं। इन दिनों वह अपनी अपकमिंग फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। अब सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती ने नया खुलासा किया है कि उन्हें नेशनल अवॉर्ड नहीं मिल सकता है।
मिथुन चक्रवर्ती को अब क्यों नहीं मिलेगा नेशनल अवॉर्ड
दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में मिथुन चक्रवर्ती से जब पूछा क्या वह इस किरदार के लिए एक और नेशनल अवॉर्ड की उम्मीद कर सकते हैं? इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमने बंगाली फिल्म काबुलीवाला को नेशनल अवॉर्ड के लिए भेजा था और फिर मुझे पता चला कि एक बार दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिलने के बाद नेशनल अवॉर्ड नहीं दिया जाएगा। क्योंकि दादा साहब फाल्के अवॉर्ड सबसे बड़ा होता है। इसके बाद अब ऑस्कर अवॉर्ड के लिए कोशिश करनी पड़ेगी। यहां कुछ नहीं मिलेगा।’
कई अवॉर्ड अपने नाम किए
मिथुन चक्रवर्ती तीन बार नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके हैं। पहली बार उन्हें फिल्म ‘मृगया’ के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था। दूसरी बार नेशनल अवॉर्ड बंगाली फिल्म ‘तहादर कथा’ और तीसरी बार जी वी अय्यर के निर्देशन में बनी बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म ‘स्वामी विवेकानंद’ के लिए मिला था। बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती को 8 अक्टूबर 2024 को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
मिथुन चक्रवर्ती ने द बंगाल फाइल्स विवाद पर तोड़ी चुप्पी
इसी इंटरव्यू में मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, ‘द बंगाल फाइल्स क्या है? इस फिल्म की कहानी मेरे जन्म से पहले की है जब 1946 में दंगे हुए थे। विवाद करने से क्या होगा। पूरी सच्चाई जाननी है तो फिल्म देखनी पड़ेगी। विवेक अग्निहोत्री ऐसे मेकर हैं जो फेक फिल्में नहीं बनाते हैं। वो सही तथ्यों और सबूतों के आधार पर फिल्में बनाते हैं जो दर्शकों को सच दिखाती है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह पॉलिटिकल फिल्म नहीं है। हम सिनेमा के माध्यम से सच्चाई को पेश करना चाहते हैं।’
