
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
नई दिल्ली: विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) को लेकर आज चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अहम घोषणा की। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि देश के 12 राज्यों में SIR किया जाएगा। ये SIR का दूसरा चरण होगा, जिसकी शुरुआत आज रात 12 बजे के बाद होगी।
9 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में होगी SIR, देखें लिस्ट
| राज्य/केंद्रशासित प्रदेश | मतदाता (लाख में) |
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अंडमान और निकोबार
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3.10
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छत्तीसगढ़
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212.30
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गोवा
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11.85
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गुजरात
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508.39
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केरल
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278.50
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लक्षद्वीप
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0.58
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मध्य प्रदेश
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574.05
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पुदुचेरी
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10.21
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राजस्थान
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548.85
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तमिलनाडु
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641.15
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उत्तर प्रदेश
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1544.24
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पश्चिम बंगाल
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766.24
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कुल
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5099.46 (51 करोड़)
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क्या है SIR का उद्देश्य?
चुनाव आयोग बताया कि SIR का उद्देश्य योग्य वोटरों को लिस्ट में शामिल करना और अयोग्य वोटरों को मतदाता सूची से बाहर करना है।
देश में 21 साल पहले हुआ था आखिरी बार SIR
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि देश में आखिरी बार स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन 21 साल पहले हुआ था। अब इसमें बदलाव जरूरी है।
सभी मतदाताओं के घर कम के कम तीन बार जाएंगे BLO
बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) प्रत्येक मतदाता के घर कम से कम तीन बार दौरा करेंगे। जिससे नए मतदाताओं को लिस्ट में जोड़ा जा सके और किसी भी गलती को सुधारा जा सके।
SIR क्या होता है?
SIR यानी स्पेशल इंटेसिव रिवीजन यानी विशेष गहन पुनरीक्षण एक प्रक्रिया है, जिसके तहत भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा मतदाता सूची को अपडेट और शुद्ध किया जाता है। इस प्रक्रिया के द्वारा मतदाता सूची में त्रुटियों को दूर किया जाता है, फर्जी या पुरानी प्रविष्टियों को हटाया जाता है और नई योग्यता वाले मतदाताओं को सूची में शामिल किया जाता है। इस प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अमल में लाया जाता है।
स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) का मुख्य फायदा ये है कि मतदाता सूची की सटीकता बढ़ती है, फर्जी वोटिंग रुकती है और नए मतदाताओं को आसानी से शामिल किया जाता है। हालांकि इसको लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं, जिसमें दस्तावेज न होने पर नाम कटने का खतरा होता है, जिससे ग्रामीण/प्रवासी क्षेत्रों में मतदाता को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
