
बीजेपी विधायक शगुन परिहार।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार को बीजेपी विधायक शगुन परिहार की एक टिप्पणी को लेकर जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, किश्तवाड़ की विधायक शगुन परिहार ने आरोप लगाया था कि सरकार किश्तवाड़ के कुछ इलाकों की उपेक्षा कर रही है क्योंकि वहां ‘राष्ट्रवादी हिंदू’ रहते हैं। परिहार ने यह टिप्पणी शून्यकाल के दौरान की, जिस पर सत्ता पक्ष ने आपत्ति जताई। मंत्री जाविद डार ने कहा कि ये टिप्पणियां सांप्रदायिक हैं और इन्हें कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक नजीर अहमद खान गुरेजी ने कहा कि हजारों मुसलमानों ने देश के लिए कुर्बानी दी है और उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए।
‘PDP ने भी ऐसा ही कहा था’
शोरगुल के बीच उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मुसलमान, सिख और ईसाई भी हिंदुओं की तरह ही राष्ट्रवादी हैं। गुरेज विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा, ‘मैं अनुरोध करूंगा कि आहत करने वाले शब्दों को कार्यवाही से हटा दिया जाए।’ हालांकि, परिहार ने कहा कि महबूबा मुफ्ती की सरपरस्ती वाली PDP के नेताओं ने भी मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दौरान ऐसी ही टिप्पणी की थी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘PDP सदस्यों ने कहा था कि हिंदू फूट डालो और राज करो का खेल खेलते हैं।’ परिहार और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि तथ्यों का पता लगाने के लिए सदन की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग की जांच की जाए।
कांग्रेस ने भी जताई आपत्ति
कांग्रेस विधायकों ने भी बीजेपी विधायक परिहार की टिप्पणी पर आपत्ति जताई। मंत्री जाविद अहमद डार ने कहा कि सरकार धार्मिक दृष्टिकोण से काम नहीं करती। उन्होंने कहा, ‘हम सभी लोगों के लिए समान रूप से काम करते हैं।’ विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने बीजेपी विधायक से अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करने को कहा। राठेर ने कहा, ‘आप इस सदन में पहली बार आई हैं। कृपया अपने शब्दों का चयन सावधानी से करें। आपको विवादास्पद शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। आपको अभी लंबा रास्ता तय करना है, हम चाहते हैं कि आप तरक्की करें।’
कौन हैं शगुन परिहार?
बता दें कि शगुन परिहार ने 2024 में जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर किश्तवाड़ से जीत दर्ज करके पहली बार विधायक बनी थीं। 29 साल की शगुन जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सबसे कम उम्र की विधायक हैं। 2018 में आतंकवादियों ने के पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उन्होंने उद्योग में इलेक्ट्रिक पावर सिस्टम्स में एमटेक की डिग्री ली है और चुनाव लड़ने के वक्त पीएचडी कर रही थीं।
