
नेपाल में दोबारा शुरू हुआ जेन-जी आंदोलन
काठमांडू: नेपाल के बारा जिले में दो दिनों से जारी तनाव और हिंसा के बाद आखिरकार शांति बहाल हो गई है। जेन जी आंदोलनकारियों और बारा जिला प्रशासन के बीच शुक्रवार देर रात सशस्त्र प्रहरी बल के कैंप में हुई लंबी वार्ता के बाद आंदोलन को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का फैसला लिया गया। यह आंदोलन एमाले कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद समाप्त किया गया।
बैठक में ये दल रहे शामिल
वार्ता में हामी नेपाल पार्टी के संस्थापक और जेन जी आंदोलन के प्रमुख चेहरा सुदन गुरुंग सहित आंदोलन से जुड़े कई नेता मौजूद थे। आंदोलनकारियों ने मुख्य मांग रखी कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे उनके कार्यकर्ताओं पर हमला करने वाले नेकपा (एमाले) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इस पर जिला प्रशासन ने स्पष्ट आश्वासन दिया कि अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकी दोषियों को भी शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसी लिखित-पत्र और मौखिक आश्वासन के बाद आंदोलनकारी सड़क से हट गए।
भारत-नेपाल सीमा पर आवागमन बहाल
आंदोलन समाप्त होने के तुरंत बाद बारा जिले में जनजीवन पूरी तरह सामान्य हो गया। बीरगंज-काठमांडू मार्ग पर दो दिनों से बंद पड़ी लंबी दूरी की बस सेवाएं फिर से शुरू हो गईं। भारत-नेपाल सीमा पर भी आवागमन पूरी तरह बहाल हो गया है। आंदोलन के दौरान सीमा पर दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी थी, जिसके कारण लोगों को आई-कार्ड दिखाकर ही आने-जाने की अनुमति मिल रही थी। अब यह पाबंदी हटा ली गई है और लोग बिना किसी रुकावट के आवाजाही कर रहे हैं।
दोबारा क्यों शुरू हुआ था जेन-जी
गौरतलब है कि जेन-जी आंदोलन पिछले कई दिनों से नेपाल में स्थानीय मुद्दों, भ्रष्टाचार और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सक्रिय है। बारा जिले में बुधवार को प्रदर्शन के दौरान एमाले कार्यकर्ताओं और जेन जी समर्थकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें कई लोग घायल भी हुए थे। इसके बाद आंदोलनकारियों ने अनिश्चितकालीन धरना और चक्का जाम शुरू कर दिया था। प्रशासन के आश्वासन और गिरफ्तारियों के बाद अब इलाके में पूरी तरह शांति है। स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है और व्यापार-व्यवसाय भी सामान्य हो गया है। जेन जी नेतृत्व ने कहा है कि यदि प्रशासन अपने वादे से मुकरता है तो फिर से बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
