Image Source : @rashtrapatibhvn/twitter
नई दिल्ली में शुक्रवार की शाम इतिहास और डिप्लोमेसी का ऐसा संगम दिखा, जहां राष्ट्रपति भवन की शाही दावत महज रस्म नहीं, बल्कि भारत-रूस की साझेदारी के नए दौर की घोषणा बन गई। व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के समापन से पहले राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य भोज में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और दोनों देशों के शीर्ष प्रतिनिधियों की मौजूदगी ने दिखाया कि यह मुलाकात सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि आने वाले दशक की इकोनॉमी, टेक्नोलॉजी और रणनीति की दिशा तय करेगी।
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रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन जब भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी की तरफ से आयोजित राजकीय भोज में पहुंचे तो उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। द्रौपदी मुर्मू ने व्लादिमीर पुतिन का वेलकम किया और दोनों हाथ मिलकर फोटो खिंचवाते हुए दिखे। व्लादिमीर पुतिन के भारत पर भरोसे को आप इस बात से समझ सकते हैं कि उन्होंने 2030 तक 100 अरब डॉलर के बिजनेस के लक्ष्य का ऐलान कर दिया। यह एक ऐसा वादा है जो बताता है कि भारत-रूस के रिश्तों की डोर अब सिर्फ मित्रता नहीं, बल्कि “एक्शन मोड पार्टनरशिप” में बदल चुकी है।
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर गुरुवार शाम लगभग 7 बजे भारत की राजधानी नई दिल्ली पहुंचे थे। वह 4 साल बाद भारत के दौरे पर आए थे। यूक्रेन जंग की शुरुआत के बाद वह पहली बार भारत आए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने पर्सनल तौर पर उनका स्वागत किया। भारत-अमेरिका के रिश्तों में टेंशन के बीच पुतिन का यह भारत दौरा और भी महत्वपूर्ण रहा। पुतिन की इस यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों के बीच तमाम अहम समझौते हुए।
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भारत और रूस के बीच विश्वास इतना गहरा है कि मोदी सरकार काम करने के लिए अपने लोगों को पुतिन के देश में भेजेगी। दोनों देशों के बीच एक समझौता ये भी हुआ कि भारतीय श्रमिकों को रूस भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए समझौता हुआ। साफ दिखता है कि पीएम मोदी और पुतिन की पर्सनल केमिस्ट्री ने भारत-रूस के रिश्तों में और गहराई लाई है।
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भारत की यात्रा पर आए व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उन्होंने और पीएम मोदी ने साल 2030 तक दोनों देशों के बीच 100 अरब डॉलर के बिजनेस का टारगेट तय किया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए दोनों देशों के कारोबारियों की सक्रिय भागीदारी चाहिए होगी। फिलहाल दोनों देशों के बीच बिजनेस लगभग 70 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। पुतिन ने कहा कि दोनों सेक्टर्स के लिए गुड्स और सेवाओं के प्रवाह के लिए रुकावटें कम करना अहम है।
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व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूसी कंपनियां भारत से प्रोडक्ट्स और सेवाओं की खरीद में कई गुना बढ़ोतरी करने के लिए तैयार हैं। मजबूत द्विपक्षीय निपटान और भरोसेमंद पेमेंट व बीमा व्यवस्था के बगैर फ्री ट्रे़ड के बारे में सोचना भी असंभव है। उन्होंने राष्ट्रीय मुद्राओं के इस्तेमाल से होने वाले लाभों को बताते हुए कहा कि बाहरी घटनाओं के बावजूद फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन अविरल बनाए रखना जरूरी है।
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को प्रधानमंत्री मोदी के साथ अहम शिखर वार्ता से पहले राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत के दौरान ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। जान लें कि भारत यात्रा के दौरान पुतिन ने कहा है कि भारत-रूस सहयोग केवल बिजनेस तक सीमित नहीं होना चाहिए। हमें अपने औद्योगिक सहयोग को बढ़ाना होगा। हम एआई के क्षेत्र में बड़े सहयोग के लिए तैयार हैं, जिसमें हमारे देश पहले ही बहुत आगे हैं। (इनपुट- भाषा)
