
भाजपा नेता कृपाशंकर सिंह बयान पर विवाद।
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह के उत्तर भारतीय मेयर वाले बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी हलचल तेज कर दी है। कृपाशंकर सिंह ने पिछले हफ्ते मुंबई से सटे मीरा-भयंदर में उत्तर भारतीय समाज के एक कार्यक्रम में कहा था कि इतनी बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय नगरसेवक चुने जाएंगे कि मनपा में उत्तर भारतीय मेयर बनेगा। इस बयान को लेकर उद्धव ठाकरे शिवसेना और मनसे ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। दोनों दलों ने इस बयान को मुंबई से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी मराठी विरोधी है और वह मुंबई में मराठी नहीं बल्कि गैर-मराठी मेयर बनाना चाहती है। विपक्ष का दावा है कि मुंबई का मेयर मराठी ही बनेगा।
विपक्ष ने क्या कहा?
शिवसेना यूबीटी के विधायक सचिन अहीर ने कृपाशंकर सिंह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- “यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि बीजेपी का इतना बड़ा नेता इस तरह की बात करता है। अब इन्हें उत्तर भारतीय वोट भी नहीं मिलेगा। मुंबई की जनता सिर्फ उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के गठबंधन को ही चुनेगी।”
शरद पवार एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष शशिकांत शिंदे एनसीपी ने भी इस बयान को लेकर बीजेपी पर हमला बोला और कहा- “इस तरह का बयान देना बेहद दुर्भाग्यसपूर्ण है। भाषा-धर्म या राज्य के आधार पर इस तरह का बयान देना बिल्कुल गलत है। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि यह पार्टी का भी मत है या कृपाशंकर सिंह का है।”
चंद्रशेखर बावनकुले ने क्या कहा?
विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा- “कृपाशंकर सिंह ने क्या कहा, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। मेयर कौन होगायह बीजेपी का राज्य संसदीय बोर्ड और चुने गए पार्षद तय करेंगे।”
कृपाशंकर सिंह ने यू टर्न लिया
हालांकि, अपने बयान पर विवाद होता देख कृपाशंकर सिंह ने यू टर्न लिया और कहा कि “ये एक कार्यक्रम में जब सवाल पूछा गया तो मैंने कहा कि अगर संख्या बल होगा तो उत्तर भारतीय मेयर मनपा में बन सकता है। लेकिन इस बयान को ट्विस्ट कर के बताया जा रहा है जो कि गलत है।” बड़ी बात ये भी है कि कृपाशंकर सिंह ने ने ये स्पष्टीकरण मराठी भाषा में दिया। उत्तर भारतीय मेयर बनेगा इस बयान पर विवाद होता देख कृपाशंकर सिंह ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा- “कुछ दिनों पहले मुझे लगता है, दिन मुझे याद नहीं है, पर वहां उत्तर भारतीय मोर्चा की ओर से आयोजित कार्यक्रम हुआ था, उत्तर भारतीय समाज का स्नेह-सम्मेलन के रूप में, और वहां हम गए थे। उस कार्यक्रम में ऐसे ही बातचीत में लोगों ने कहा कि उत्तर भारतीय समाज का महापौर कब होगा? मैंने कहा ठीक है, आप उत्तर भारतीय समाज के इतने नगरसेवक चुनकर लाएं, तो उत्तर भारतीय समाज का महापौर कभी तो भविष्य में हो सकता है। ऐसा एक (बयान) दिया था। उसमें विषयांतर (विषय को भटकाना) कुछ लोग कर रहे हैं। इस विषय को लेकर उत्तर भारतीय समाज या मराठी, आप बंटवारा मत कीजिए। महाराष्ट्र में रहते हैं हम सब। मराठी और हिंदी में कहीं फर्क नहीं करते और करेंगे भी नहीं।”
29 महानगरपालिकाओं के चुनाव घोषित हुए हैं, 15 तारीख को मतदान होगा और महाराष्ट्र के लाडले हमारे मुख्यमंत्री देवेंद्र जी , शिंदे साहब, हमारे अजीत दादा ये सब मिलकर महायुति की सत्ता आएगी। और महायुति की सत्ता आने के बाद, हम सबकी इच्छा है कि हिंदू समाज का महापौर बने। स्पष्ट रूप से मेरी राय है कि महाराष्ट्र की 29 महानगरपालिकाओं में महायुति की सत्ता आएगी और उसमें हमारे हिंदू समाज का महापौर बने। फिलहाल कृपाशंकर सिंह का बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और इस मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
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