
शुभमन गिल
शुभमन गिल को अभी टीम इंडिया का टेस्ट कप्तान बने हुए ज्यादा वक्त नहीं हुआ है, लेकिन इसी कम समय में गिल कभी कभार ऐसे फैसले कर ले रहे हैं, जो चौंकाते हैं। इसे गिल का आत्मविश्वास कहें या फिर अतिआत्मविश्वास, लेकिन अक्सर ऐसे फैसले भयंकर भूल में तब्दील हो जा रहे हैं। सवाल ये है कि है कि क्या गिल ये निर्णय स्वयं कर रहे हैं या फिर कोई और है, जो उन्हें इस तरह से करने के लिए कहता है। गिल महज एक कठपुतली हैं। अब वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट में शुभमन ब्लंडर कर जाएंगे, ये किसी ने सोचा भी नहीं था।
जल्दबाजी में गलती कर बैठे कप्तान गिल
भारतीय टीम ने पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज केवल तीन ही दिन में इतनी आसानी से हरा दिया कि दूसरे मैच को लगता है कि कप्तान शुभमन गिल ने हल्के में ले लिया। टीम इंडिया ने दिल्ली टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करते हुए 518 रन बनाए और पारी घोषित कर दी। जबकि भारत के केवल पांच ही विकेट गिरे थे। टीम अगर चाहती तो यहां और भी बल्लेबाजी कर सकती थी। क्या टीम इंडिया करीब 600 के स्कोर की ओर नहीं जा सकती थी। लेकिन जल्दी मैच जीतने की कोशिश में शुभमन ने पारी घोषित कर दी।
पहली पारी में जल्द आउट हो गई वेस्टइंडीज की टीम
इसके बाद जब पहली पारी में वेस्टइंडीज की टीम केवल 248 रन बनाकर आउट हो गई तो लगा कि गिल का फैसला सही था। बस यहीं पर कप्तान गिल गलती कर बैठे। गिल ने खुद बल्लेबाजी ना करने का फैसला किया और वेस्टइंडीज को फॉलोआन दे दिया। जबकि भारतीय टीम ने पिछले कई साल से टेस्ट में मौका मिलने के बाद भी विरोधी टीम को फॉलोआन नहीं दिया है। कम या ज्यादा देर तक बल्लेबाजी कर चौथी पारी में टारगेट चेज करने के लिए विरोधी टीम को विवश किया है।
दूसरी पारी में वेस्टइंडीज ने किया पलटवार
अब चूंकि गिल कप्तान हैं और वही फैसले करते हैं, लिहाजा ये भी उन्हीं का निर्णय होगा, जो अब उल्ट पड़ता हुआ नजर आ रहा है। वेस्टइंडीज ने अपनी दूसरी पारी में 250 से अधिक रन बना लिए हैं और लंच तक केवल तीन ही विकेट गिरे थे। इस तरह से भारतीय टीम की जो लीड थी, वो अब लगभग खत्म हो गई है। कुछ और रन बनाने के बाद जो भी स्कोर होगा, उसे भारतीय टीम को चेज करना होगा। दुनिया जानती है कि चाहे कहीं का भी मैदान हो और कोई भी पिच हो, चौथी पारी में टारगेट चेज करना आसान काम नहीं होता।अब वही काम भारत को करना होगा।
रोहित शर्मा से सीख ले सकते हैं शुभमन
अगर शुभमन गिल ने थोड़ी भी होशियारी दिखाई होती और दूसरी पारी में बल्लेबाजी कर 200 रन भी बना दिए होते तो जाहिर है कि वेस्टइंडीज पर काफी दबाव होता। भारत को चौथी पारी में बल्लेबाजी नहीं करनी पड़ती है। वैसे अभी मैच भारत की पकड़ से दूर तो नहीं गया है, लेकिन अगर कहीं वेस्टइंडीज ने 200 रनों की लीड लेने में कामयाबी हासिल कर ली तो फिर लेने के देने भी पड़ सकते हैं। मैच का रिजल्ट चाहे जो हो, लेकिन गिल को इससे सीखना जरूर चाहिए। रोहित शर्मा ने इतने लंबे वक्त तक टेस्ट में कप्तानी करते हुए क्यों विरोधी टीम को फॉलोआन नहीं दिया, कम से कम ये बात तो गिल को सीखनी ही पड़ेगी।
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