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नई दिल्ली: भारत का रक्षा बजट पिछले कई वर्षों से मंद गति से आगे बढ़ रहा है। इसके बावजूद इस बार देश ने दुनिया का सबसे बड़ा तीसरा रक्षा बजट पेश किया है। वर्ष 2023-24 के लिए भारत का रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ से बढ़कर 5.94 लाख करोड़ पहुंच चुका है। यह पाकिस्तान के रक्षाबजट से भारत के मौजूदा रुपये से तुलना करने पर करीब 14 गुना अधिक है। जबकि चीन के रक्षाबजट का सिर्फ एक चौथाई है। यानि की चीन का सैन्य बजट भारत के रक्षा बजट से 4 गुना अधिक है। हालांकि कुछ वर्षों पहले तक चीन का रक्षा बजट भारत के सैन्य बजट का लगभग दो से ढाई गुना ही अधिक था, लेकिन 3 से 4 वर्षों के दौरान चीन ने अपने रक्षा बजट को दो गुना तक बढ़ा लिया है।

अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे नंबर पर


दुनिया में अमेरिका का रक्षा बजट सबसे अधिक है। अमेरिका के रक्षा बजट के आसपास कोई देश नहीं ठहरता। अमेरिका के बाद रक्षा पर सबसे अधिक खर्च करने वाला देश चीन है। इसके बाद भारत का नंबर आता है। वहीं भारत के बाद ब्रिटेन चौथे और रूस 5वें नंबर पर है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद कई देशों ने अपना रक्षा बजट बढ़ाना शुरू कर दिया है। भारत भी अपने रक्षा बजट को बढ़ा रहा है, लेकिन उसकी स्पीड चीन की तुलना में बेहद मंद गति से चल रही है। कुल खर्च के हिसाब से रक्षा बजट पर सर्वाधिक राशि खर्च करने वाले देशों का ब्यौरा इस प्रकार है।

देश                          रक्षा पर खर्च

  1. अमेरिका                   801 बिलियन डॉलर
  2. चीन                         292 बिलियन डॉलर
  3. भारत                       073 बिलियन डॉलर
  4. ब्रिटेन                       068.4 बिलियन डॉलर
  5. रूस                        065.9 बिलयन डॉलर    

जीडीपी के हिसाब से चीन से भी अधिक है भारत का रक्षा बजट

कुल जीडीपी के हिसाब से भारत का रक्षा बजट चीन से भी अधिक है। इस वर्ष भारत ने अपने रक्षा बजट में 69 हजार करोड़ का इजाफा किया है। यानि वर्ष 2023-24 के लिए भारत ने करीब 13 फीसदी रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी की है। भारत की कुल जीडीपी का यह करीब 3 फीसदी है। वहीं चीन का रक्षा बजट भले ही 292 बिलियन डॉलर है, लेकिन यह उसकी जीडीपी का 2 फीसदी से भी कम है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने डिफेंस बजट का भी ऐलान किया।

हथियारों, लड़ाकू विमानों और युद्ध पोत के लिए अलग बजट

वित्त मंत्री ने बताया कि सेना में पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। इनमें नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद शामिल है। वहीं अगले वित्त वर्ष के बजट दस्तावेजों के अनुसार, राजस्व व्यय के लिए 2,70,120 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिनमें वेतन भुगतान और प्रतिष्ठानों के रखरखाव पर होने वाले खर्च शामिल हैं। 2023-24 के बजट में रक्षा मंत्रालय (सिविल) के लिए पूंजीगत परिव्यय 8,774 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि पूंजीगत परिव्यय के तहत 13,837 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। रक्षा पेंशन के लिए अलग से 1,38,205 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। पेंशन परिव्यय सहित कुल राजस्व व्यय 4,22,162 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

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