jdu leader meena singh join bjp- India TV Hindi

Image Source : IANS
जदयू छोड़कर गईं मीना सिंह गईं बीजेपी के साथ

पटना: बिहार में सियासी सरगर्मी तेज है। एक तरफ महागठबंधन में शामिल राजद सुप्रीमो लालू परिवार मुसीबत को झेल रहा है तो वहीं हाल ही में नीतीश कुमार की पार्टी जद-यू छोड़ने वाली दो बार की सांसद मीना सिंह रविवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल और पार्टी नेता सम्राट चौधरी की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गई हैं। रविवार को पटना स्थित बापू सभागार में एक कार्यक्रम में उनके बेटे विशाल सिंह और 10,000 से अधिक समर्थक भी भाजपा में शामिल हो गए।

सियासत की बात करें तो जदयू छोड़कर भाजपा में आईं मीना सिंह की भोजपुर और रोहतास जिलों में मजबूत पकड़ है और उन्हें यहां की प्रभावशाली नेता माना जाता है। उनके पति अजीत सिंह भी क्षेत्र के काफी कद्दावर नेता थे। कुछ दिनों से मीना देवी बिहार के मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार के फैसले से खुश नहीं थीं, इसकी वजह ये बताई गई कि नीतीश ने जब से उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया है, जदयू के कई नेता नाखुश हैं।

मीना सिंह ने नीतीश कुमार पर लगाया आरोप

बीजेपी में शामिल होने के बाद मीना सिंह ने कहा, मैंने और मेरे पति ने जीवन भर जंगल राज के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। लालू-राबड़ी सरकार के दौरान बिहार के लोग जंगल राज की गिरफ्त में थे और उस समय बिहार में पूरी तरह से अराजकता थी। नीतीश कुमार के राजद के साथ जाने पर मुझे पूरा विश्वास है कि बिहार में फिर से जंगल राज लौटेगा। इसलिए, मैंने और मेरे बेटे ने जद-यू से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा, मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की प्रगतिशील विचारधारा पर पूरा भरोसा है। इसलिए, मैं भाजपा में शामिल हुई हूं।

मीना सिंह का जेडी-यू से जाना नीतीश कुमार के लिए भोजपुर, रोहतास, बक्सर और कैमूर जिलों के भोजपुरी बेल्ट में एक बड़ा झटका हो सकता है। वह इन जिलों में सवर्णो के बीच एक प्रभावशाली नेता हैं। इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा और आर.सी.पी. सिंह भी जदयू छोड़ चुके हैं।

नीतीश को होगी मुश्किल

बिहार में सात पार्टियों वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में टिकटों का वितरण नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, जिन्हें महागठबंधन की प्रत्येक पार्टी को संतुष्ट करना पड़ेगा। लेकिन वहीं मीना सिंह और उनके बेटे के लिए भाजपा में टिकट पाने का एक बड़ा मौका हो सकता है। मीना सिंह ने अपने पति के निधन के बाद 2008 के उपचुनाव में जद-यू के लिए बिक्रमगंज लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी। वह 2009 में आरा लोकसभा क्षेत्र से भी चुनी गईं, लेकिन 2014 के चुनाव में वहां से हार गईं और फिर उन्होंने 2019 में चुनाव ही नहीं लड़ा था।

ये भी पढ़ें:

होली के हुडदंग में व्यस्त थे तेजप्रताप यादव, घर में हो गई लाखों की चोरी, पुलिस ने दर्ज किया मामला

Bihar: आखिर नीतीश ने क्यों कहा-‘ उन्हें अचानक दैवी शक्ति मिल गई है, लेकिन इस बार चलेगा नहीं’





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version