deposited in bank account of farmers up government - India TV Paisa
Photo:FILE गन्ना किसान

Sugarcane Farmers Payment: किसानों के लिए एक गुड न्यूज़ आई है। सरकार ने गन्ने के भुगतान के लिए राशि जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मामलों के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए गन्ना किसानों का भुगतान एक सप्ताह के भीतर चीनी मिलों से सुनिश्चित करने की दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वर्तमान में राज्य की 105 चीनी मिलों में गन्ना किसानों को 10 दिन के भीतर भुगतान मिल रहा है। उन्होंने विपक्षी दलों की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों के दौरान गन्ना किसानों का जल्द भुगतान सुनिश्चित करना एक कठिन कार्य माना जाता था। किसानों को उनकी गन्ना उपज के लिए छह साल की अवधि के अंदर 2.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। किसान काफी समय से भुगतान का इंतजार कर रहे थे। सरकार के इस आदेश से उन्हें राहत मिलेगी।

21,620 करोड़ रुपये का भुगतान

मंत्री ने कहा कि इस सीजन में 930 करोड़ टन गन्ने की पेराई के मुकाबले 31 मार्च तक किसानों को 21,620 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 96 चीनी मिल चल रही हैं और किसानों के सभी गन्ने की पेराई होने तक मिलों को चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं। चौधरी ने कहा कि गन्ने की खेती किसानों की आय दोगुनी करने का एकमात्र तरीका है। वर्तमान में गन्ना किसानों को गेहूं और धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के जरिये किसानों को किए गए संयुक्त भुगतान से अधिक भुगतान किया जाता है। बता दें कि बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा ने तीन राज्यों में 5.23 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में गेहूं की फसल को खराब किया है। इससे किसानों के लिए उपज के भारी नुकसान और कटाई का संकट पैदा हो गया है। पंजाब के मोहाली जिले के बदरपुर गांव के किसान भूपेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘खराब मौसम की वजह से गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है।  गेहूं की उपज औसतन 20 क्विंटल प्रति एकड़ रहती है। लेकिन इस बार यह घटकर 10-11 क्विंटल रह जाएगी।’’ यानी प्रति एकड़ करीब 9 क्विंटल उपज घटने का अनुमान है।

तीन राज्यों में सबसे अधिक बर्बादी

भारत गेहूं के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। यह देश की एक बड़ी आबादी के लिए प्रमुख भोजन है। भू-राजनीतिक अनिश्चितता के बीच ऊंची मुद्रास्फीति और खाद्य सुरक्षा की चिंता से पहले से है। ऐसे में गेहूं की फसल के नुकसान से स्थिति और खराब हो सकती है। अधिकारियों के अनुसार, खराब मौसम के कारण तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लगभग 5.23 लाख हेक्टेयर गेहूं की फसल खराब होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। इस साल गेहूं का रकबा करीब 34 लाख हेक्टेयर है।

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