Diseases caused by overthinking- India TV Hindi

Image Source : SOCIAL
Diseases caused by overthinking

 ज्यादा सोचने से होने वाली बीमारी: कुछ लोग हर बात पर ज्यादा सोचते हैं। दूसरों की तुलना ऐसे लोगों का दिमाग कभी शांत नहीं रहता और हमेशा सोच-विचार में लगा रहता है। पर ये आदत सेहत के लिए सही नहीं है। क्योंकि जब आप सोचते हैं तो दिमाग लगातार एक प्रकार के प्रेशर में रहता है जिसका असर शरीर के बाकी अंगों और हार्मोनल हेल्थ पर भी होता है। इसके अलावा ये स्ट्रेस देता है, आपको सही से भूख-प्यास नहीं लगती है और कई बार ये आपकी नींद को भी प्रभावित करता है। ऐसे में इन तमाम गतिविधियों के बीच शरीर बीमार (diseases caused by overthinking and stress) पड़ने लगता है और ये गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

ज्यादा सोचने से कौन कौन से रोग होते हैं-Diseases caused by overthinking in hindi

1. हाई बीपी की समस्या

ज्यादा सोचना आपको हाई बीपी का शिकार बना सकता है। तनाव में रहने पर शरीर से हार्मोन का प्रोडक्शन बढ़ता है। ये हार्मोन दिल की धड़कन तेज कर देते हैं और ब्लड वेसेल्स संकीर्ण हो जाती हैं। ये क्रियाएं कुछ समय के लिए बीपी बढ़ा देती हैं। दरअल, तनाव शरीर में एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन का उत्पादन बढ़ा सकता है जिससे आप समय के साथ हाई बीपी के मरीज बन सकते हैं। 

Heart Day 2023: हार्ट अटैक से पहले बीपी कितना होता है? एक्सपर्ट से जानें हाई बीपी से इसका संबंध

2. नींद से जुड़ी बीमारियां

ज्यादा सोचने से आपको नींद से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। इससे होता ये है कि विचार आपके ब्रेन को रेस्ट मोड में नहीं जाने देते। लगातार दिमाग में आते-जाते विचार आपको परेशान करते हैं और नींद के हार्मोन्स को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा ये नींद के चक्र यानी स्लीप साइकिल को भी प्रभावित करता है जिससे आपको इनसोम्निया और स्लीप एप्निया की बीमारी हो सकती है। 

Image Source : SOCIAL

overthinking_sideeffects

3. डिप्रेशन

डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जो कि ज्यादा सोचने से ही शुरू होती है। दरअसल, ज्यादा सोचना आपके ब्रेन के अंदर की गतिविधियों को सुस्त करने के साथ इसकी सोचने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसके अलावा ये दुख बढ़ाता है और अकेला करता है। ये सोच और गहराती जाती है और फिर आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। 

पथरी गलाने में मददगार हो सकता है इस फल का पानी, फ्लश ऑउट कर सकता है किडनी में जमा गंदगी

4. एंग्जायटी और पर्सनैलिटी डिसऑर्डर

एंग्जायटी और पर्सनैलिटी डिसऑर्डर ज्यादा सोचने की बीमारी से जुड़ी हुई हो सकती है। दरअसल, जब भी आप ज्यादा सोचते हैं इससे आपको डर लगता है और घबराहट होती है। भविष्य की चीजों के लिए आप परेशान रह सकते हैं। ये जब गंभीर रूप लेने लगता है तो आपके आज को भी प्रभावित करता है और आप किसी गंभीर पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के शिकार हो सकते हैं। तो, इस आदत में सुधार लाएं और ज्यादा सोचना बंद कर दें।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

Latest Health News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version