पवन कल्याण ने छोड़ा NDA का साथ।- India TV Hindi

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पवन कल्याण ने छोड़ा NDA का साथ।

लोकसभा चुनाव, 2024 की तैयारी में सभी दल अभी से लग चुके हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल अपने साथ ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को जोड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं। इस बीच दक्षिण भारत से खबर आई थी कि फिल्मस्टार और जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने भाजपा के नेतृत्व वाली गंठबंधन NDA से बाहर होने की घोषणा की है। हालांकि, अब पार्टी के प्रवक्ता ने इस मामले में सफाई जारी करते हुए बड़ा अपडेट दिया है। 

प्रवक्ता ने दी सफाई


जन सेना के प्रवक्ता बोलिसेट्टी सत्यनारायण ने पार्टी प्रमुख पवन कल्याण के बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पवन कल्याण ने कल एक बैठक में जो कहा, उस पर मैं स्पष्टीकरण देना चाहता हूं। पवन कल्याण ने ये नहीं कहा कि वह एनडीए से बाहर हैं। हम एनडीए के साथ हैं, और हम टीडीपी के साथ भी रहने वाले हैं। प्रवक्ता के अनुसार, कल्याण ने कहा था कि मैं एनडीए में हूं लेकिन मैं तेलुगु देशम के बारे में बात कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि हम टीडीपी के साथ भी रहने वाले हैं क्योंकि YSR कांग्रेस को आंध्र प्रदेश से बाहर करने के लिए हमें उनके अनुभव की जरूरत है।

क्या बोले थे कल्याण?

पवन कल्याण ने कहा था कि टीडीपी एक मजबूत पार्टी है और आंध्र प्रदेश को राज्य के विकास के लिए तेलुगु देशम पार्टी के शासन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज टीडीपी संघर्ष कर रही है और हम उनका समर्थन करेंगे। इस स्थिति में टीडीपी को जनसैनिक के समर्थन की जरूरत है। अगर टीडीपी और जन सेना हाथ मिलाते हैं तो राज्य की YSR कांग्रेस की सरकार डूब जाएगी। पवन कल्याण ने कहा,”मैं टीडीपी का समर्थन करने के लिए एनडीए से बाहर आया हूं। टीडीपी एक मजबूत पार्टी है और आंध्र प्रदेश को राज्य के विकास के लिए तेलुगु देशम पार्टी के शासन की जरूरत है।”

नायडू की रिमांड बढ़ी

विजयवाड़ा की एसीबी कोर्ट ने  तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की पुलिस रिमांड को 19 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है। बता दें कि, नायडू कौशल विकास घोटाला मामले में जेल में हैं। उन्हें 9 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद टीडीपी समर्थकों ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

AIADMK छोड़ चुकी साथ

बीते महीने 25 सितंबर को तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक ने एनडीए से नाता तोड़ने की घोषणा की थी। पार्टी ने कहा था कि वह लोकसभा चुनाव से पहले समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन बनाएगी। अन्नाद्रमुक के प्रमुख पलानीस्वामी ने कहा था कि उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करने के लिए गठबंधन से बाहर हो गई। उन्होंने कहा था कि गठबंधन टूटने के पीछे कोई अन्य कारण नहीं था। 

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