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इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी से राजनीतिक हल्कों में हलचलें तेज़ हो गई हैं। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को दिल्ली, मुंबई और चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन किए, जबकि दिल्ली में बीजेपी ने जवाबी प्रदर्शन किए।  दिल्ली शराब आबकारी घोटाले में मनीष सिसोदिया के बाद गिरफ्तार होने वाले संजय सिंह दूसरे बड़े नेता हैं। सिसोदिया अभी तिहाड़ जेल में हैं। ईडी शराब घोटाले में संजय सिंह का नाम पहले ही चार्जशीट में शामिल कर चुकी थी। बुधवार को उनके घर की तलाशी ली गई और करीब 11 घंटे की पूछताछ के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। अरविन्द केजरीवाल ने सुबह ही कह दिया था कि संजय सिंह के घर से ED को कुछ नहीं मिलेगा, ये एक्शन सिर्फ आम आदमी पार्टी को बदनाम करने की नीयत से किया जा रहा है। केजरीवाल का इस मामले में इंडिया एलायन्स में शामिल कांग्रेस, RJD और उद्धव शिवसेना समेत कई पार्टियों ने समर्थन किया। मोदी सरकार पर ED और CBI के जरिए विरोधियों को झूठे केसेज में फंसाने  का इल्जाम लगाया, लेकिन सवाल ये है कि बिना सबूत के किसी की गिरफ्तारी तो नहीं होती है।

ED के पास संजय सिंह के खिलाफ दो बड़े आरोपियों के बयानात हैं। ये दो आरोपी  हैं – दिनेश अरोड़ा और वाईएसआर कांग्रेस से एक सांसद के बेटे राघव मागुंटा। दोनों अब सरकारी गवाह बन गये हैं। मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने इन दोनों को सरकारी गवाह बनने की इजाज़त दे दी थी। उधर, केजरीवाल ने संजय सिंह को क्लीन चिट दे दी, संजय सिंह को सबसे ईमानदार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सबसे बड़ा भ्रष्ट बता दिया। असल में संजय सिंह को भी अंदाज़ा था कि उनकी गिरफ्तारी होगी, इसलिए उन्होंने भी पूरी तैयारी तैयारी कर रखी थी, संजय सिंह ने अपना बयान खुद रिकॉर्ड किया। उसके बाद जब टीम उन्हें गिरफ्तार कर घर से ले जा रही थी, उससे पहले माता-पिता के पैर छू कर आशीर्वाद लिया, उसका वीडियो बनाया गया। घर से बाहर निकलते वक्त संजय सिंह ने नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया और जब संजय सिंह घर से निकल कर ED के दफ्तर पहुंचे, उसी वक्त आम आदमी पार्टी की तरफ से संजय सिंह के वीडियो जारी कर दिए गए, जिसमें संजय सिंह ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि नरेन्द्र मोदी डर गए हैं, इसीलिए ED और CBI के जरिये डराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मुझे मरना मंजूर है, डरना नहीं।

संजय सिंह के गिरफ्तार होते ही पूरी पार्टी उनके बचाव में उतर आई है। अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर संजय सिंह की गिरफ्तारी क्यों हुई? संजय सिंह पर क्या आरोप हैं? शराब घोटाले में उनकी क्या भूमिका है? उनके घर रेड क्यों मारी गई? इसका जवाब ये है कि शराब घोटाले में संजय सिंह के रोल का खुलासा इसी केस में आरोपी दिनेश अरोड़ा ने ED के सामने किया है। दिनेश अरोड़ा के बयानों के आधार पर ED ने शराब घोटाले की चार्जशीट में तीन बार संजय सिंह का नाम डाला है। दिनेश अरोड़ा ने ED को बताया कि वो संजय सिंह से एक रेस्टोरेंट में मिला था, जहां संजय सिंह ने उसे मनीष सिसोदिया से मिलवाया। संजय सिंह के कहने पर उसने आम आदमी पार्टी को चंदे के रूप में चैक से 32 लाख रुपये का भुगतान किया। ED ने चार्जशीट में दावा किया है कि दिल्ली सरकार में दिनेश अरोड़ा का एक काम फंसा हुआ था जिसे संजय सिंह ने मनीष सिसोदिया के जरिए करवाया। ED के मुताबिक, दिनेश अरोड़ा ने खुलासा किया है कि उसकी मनीष सिसोदिया से 5-6 बार मुलाकात हुई, इसके बाद संजय सिंह के  साथ मुख्यमंत्री आवास में केजरीवाल से भी मिला।

दिनेश अरोड़ा आज भले ही सरकारी गवाह बन गया हो, अब आम आदमी पार्टी के नेता भले ही दिनेश अरोड़ा से संजय सिंह के रिश्तों की बात गलत बता रहे हों, लेकिन हकीकत ये है कि रिश्ते तो थे, और अब बीजेपी के नेता रिश्तों के सबूत खोज खोजकर ला रहे हैं। मनजिंदर सिंह सिरसा ने कुछ लेटर और फोटो दिखाकर कहा कि दिनेश अरोड़ा और आम आदमी पार्टी का बहुत गहरा रिश्ता था। संजय सिंह भी उसको जानते थे। संजय सिंह की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस दुविधा में है। संजय सिंह की गिरफ्तारी की खबर आई तो कांग्रेस के नेता उदित राज ने अपने समर्थकों को प्रदर्शन करने संजय सिंह के घर के बाहर भेज दिया। प्रमोद तिवारी ने संजय सिंह के खिलाफ ED के एक्शन को मोदी सरकार की तानाशाही का सबूत बताया लेकिन दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने गोलमोल बात की। लवली ने कहा कि अगर संजय सिंह घोटाले में शामिल हैं तो उन पर कार्रवाई का कांग्रेस समर्थन करती है, लेकिन कई बार ऐसा लगता है कि सरकार अपनी एजेसिंयों के जरिए विरोधियों को परेशान कर रही है। जब जब आम आदमी पार्टी का कोई नेता भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार होता है तो वो कहते हैं कि मोदी केजरीवाल की लोकप्रियता से डर गए, इसलिए हमारे लोगों को जेल में डाल दिया, हम अडानी को एक्सपोज कर रहे थे, इसलिए पकड़ लिया।

आज भी कहा कि 2024 के चुनाव में होने वाली हार से बीजेपी पहले से ही घबरा गई इसलिए संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता कभी दिल्ली शराब घोटाले को लेकर विस्तार से बात नहीं करते, कोई तर्क नहीं देते। आम आदमी पार्टी के नेता कई बार ये भी कहते हैं कि हमारे नेताओं को पकड़ लिया, संजय सिंह को पकड़ा, सिसोदिया को पकड़ा लेकिन उनके घर से एक पैसा भी नहीं मिला। लेकिन ये भी सच है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, वहां इन्होंने जिन लोगों को भ्रष्टाचार के आरोपों में पकड़ा उनके यहां से भी कुछ नहीं मिला, लेकिन केस बना। मुझे लगता है कि केजरीवाल की परेशानी इन सब बातों से कहीं ज्यादा बड़ी है और वो परेशानी ये है कि उनकी राजनीति भ्रष्टाचार के खिलाफ चले आंदोलन से शुरू हुई। केजरीवाल ने शरद पवार, लालू यादव और सोनिया गांधी समेत तमाम नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और अब राजनीति ने ऐसा पैंतरा बदला है कि केजरीवाल को इन्हीं लोगों के साथ गठबंधन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। दिलचस्प बात ये है कि विरोधी दलों के नेता ED को कितनी भी गाली दें, लेकिन ED ने इनके गठबंधन को और मजबूत कर दिया है, क्योंकि एक्शन गठबंधन में शामिल पार्टियों के कई नेताओं पर हो रहा है। आज ED की टीम सुबह जब संजय सिंह के घर पहुंची थी, उसके कुछ ही घंटों के बाद बंगाल में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा को शिक्षक भर्ती घोटाले में ED का समन मिला। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 04 अक्टूबर, 2023 का पूरा एपिसोड

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