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इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

अरविंद केजरीवाल के लिए तीन बुरी खबरें आईं। पहली उनके वकीलों की तमाम दलीलों के बावजूद संजय सिंह को कोर्ट ने 5 दिन के लिए ED की हिरासत में भेज दिया।  केजरीवाल ने कहा था कि संजय सिंह के खिलाफ दिनभर की छानबीन के बाद कोई सबूत नहीं मिला। जिन संजय सिंह को केजरीवाल ने बेकसूर बताया  था, उनके बारे में ED ने अदालत में खुलासा किया कि संजय सिंह को शराब घोटाले में दो करोड़ रुपये दिए गए। ED ने दावा किया कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि इस रकम की अदायगी एक-एक करोड़ की किस्तों में संजय सिंह के घर पर हुई। केजरीवाल के लिए दूसरी बुरी खबर ये थी कि नेताओं के बाद अब आम आदमी पार्टी भी ED के लपेटे में आती दिखाई दे रही है। इन्फोर्समेंट डायरैक्ट्रेट ने इस बात के संकेत दिए कि वो शराब घोटाले के केस में अरविन्द केजरीवाल की पार्टी को भी आरोपी बनाएगी क्योंकि घोटाले का वित्तीय फायदा आम आदमी पार्टी को हुआ। केजरीवाल के लिए तीसरी बुरी खबर ये आई कि शराब घोटाले के केस में सात महीने से जेल में बंद मनीष सिसोदिया को अदालत से जमानत नहीं मिली। अब 12 अक्टूबर को उनकी अर्जी पर आगे सुनवाई होगी।

गुरुवार को संजय सिंह के वकील ने ED की रिमांड का विरोध करते हुए कहा कि सिर्फ एक शख्स दिनेश अरोड़ा के बयान के आधार पर किसी को आरोपी नहीं बनाया जा सकता। वकील ने कहा, ED के पास न कोई सबूत है, न कोई बरामदगी हुई इसलिए गिरफ्तारी ही गलत है। जज ने भी ED के वकील से कहा कि जब संजय सिंह का फोन और दूसरे दस्तावेज ED के कब्जे में हैं, कॉल डिटेल रिकॉर्ड भी ED निकलवा लेगी तो फिर संजय सिंह की रिमांड क्यों चाहिए। इस पर ED ने खुलासा किया कि उसके पास इस बात की जानकारी है कि शराब घोटाले में 2 करोड़ रुपये संजय सिंह को दिए गए। ये बात दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में बताई है कि एक-एक करोड़ की दो किस्तों में ये रकम संजय सिंह के घर पर डिलीवर की गई और दोनों ही बार पेमेंट सर्वेश मिश्रा ने रिसीव की। ED ने कोर्ट को ये भी बताया कि संजय सिंह 2017 से ही दिनेश अरोड़ा को जानते थे और कॉल रिकॉर्ड से इसकी पुष्टि हुई है। इसलिए दिनेश अरोड़ा के बयान पर शक नहीं किया जा सकता क्योंकि कोर्ट ने उसे इकबालिया गवाह बनने की इजाजत दी है।

आखिर में जज साहब ने संजय सिंह से भी पूछा कि क्या वो कुछ कहना चाहते हैं। इस पर संजय सिंह ने हाथ जोड़ कर कहा आप न्याय की कुर्सी पर हैं, आप बेहतर समझ सकते हैं। संजय सिंह ने  शायर कृष्ण बिहारी शर्मा ‘नूर’ का एक शेर सुनाया, ‘सच घटे या बढ़े तो सच न रहे, झूठ की कोई इंतिहा ही नहीं’। संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब मोदी विरोधी मोर्चे में शामिल सारी पार्टियां मजबूती से आम आदमी पार्टी के साथ खड़ी नजर आ रही हैं। प्रियंका गांधी ने गुरुवार को कहा कि ED को सिर्फ विरोधी दलों में भ्रष्टाचार दिखाई देता है। मध्य प्रदेश के धार में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि ED की कार्रवाई सिर्फ उन्हीं राज्यों में होती है जहां विपक्षी पार्टियों की सरकारें है। ED सिर्फ विरोधी दलों के नेताओं के घर पहुंचती है जबकि मध्यप्रदेश में भी इतने घोटाले हुए हैं, ED को ये सब क्यों नहीं दिख रहा है। ED के एक्शन पर NCP के संस्थापक शरद पवार भी बोले। शरद पवार ने कहा कि देश में बच्चा-बच्चा अब ED और CBI का नाम जानने लगा है, ED-CBI पहले भी थी लेकिन पहले इन एजेंसियों का इतना दुरूपयोग नहीं होता था।

शरद पवार ने कहा, दिल्ली में आम आदमी पार्टी  के एक भले आदमी के घर पर ईडी ने छापे मारे। रात के 8-10 बजे उन्हें गिरफ्तार किया और जेल में रख दिया। ऐसा ही काम पश्चिम बंगाल में हुआ था, ममता जी के जो साथी हैं, उनके खिलाफ छापे मारे गए। महाराष्ट्र के गृह मंत्री, एनसीपी के नेता अनिल देशमुख के यहां छापे मारे, 13 महीने उन्हें जेल में रखा। शिवसेना के नेता संजय राउत ने अपने अखबार में बीजेपी और प्रधानमंत्री के खिलाफ लिखा, उनको गिरफ्तार किया गया, आठ महीने जेल में रखा। अपने खिलाफ जो राजनैतिक दल हैं, उनके नेताओं के खिलाफ सीबीआई या ईडी का इस्तेमाल करके इनको खत्म करने का राजनीतिक दुष्चक्र और साजिश हो रही है। शरद पवार ने विरोधी दलों के लिए एक काम की बात कही। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ED के एक्शन से विपक्ष के एकता और मजबूत होगी, यानि ED का एक्शन फेविकॉल का काम करेगा। यही बात मैंने कल ‘आज की बात’ में कही थी।  शरद पवार ने कहा कि वो जानते हैं कि इंडिया एलायन्स में शामिल पार्टियों में आपसी मतभेद हैं, लोकल लेवल पर आपसी झगड़े हैं, लेकिन बीच का रास्ता निकालना होगा, ये वक्त की मांग है। पवार ने कहा कि बंगाल में लेफ्ट और कांग्रेस से ममता की लड़ाई है, दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस और केजरीवाल का झगड़ा है। ये झगड़े  राज्यों के चुनावों तक सीमित रखने चाहिए, कोशिश ये होनी चाहिए कि कम से कम लोकसभा चुनाव सब मिलकर लड़ें, बीजेपी को हराने के लिए ये जरूरी है।

शरद पवार ने बताया कि वो कौन सी ताकत है जो इंडिया अलायंस के लिए फेविकॉल का काम कर रही है। चतुर सुजान पवार साहब ने कंफर्म किया कि ED और CBI के मामलों ने विरोधी दलों को जोड़कर रखा हुआ है। जितने केस बनेंगे, उनका अलायंस उतना ही मजबूत होगा। उन्होंने समझाया कि केजरीवाल अपनी पार्टी के नेताओं पर CBI, ED के मामलों से इतने ज्यादा परेशान हैं कि वे दिल्ली में कांग्रेस के लिए 3 सीटें छोड़ने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस, NCP, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, RJD सब ऐसी पार्टियां हैं जिनके बड़े-बड़े नेताओं के खिलाफ CBI और ED के केस चल रहे हैं।  कोई बेल पर है, कोई जेल में है। इस बात को अब तक प्राइवेटली तो सब कहते थे कि ये पार्टियां इसी वजह से मजबूर होकर साथ आई हैं क्योंकि ये सब केसेज से परेशान हैं। जब शरद पवार ने इस बात को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया तो मोदी ने इस बात को पकड़ लिया। मोदी पहले भी कहते आए हैं कि विरोधी दलों का अलायंस भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं का गठबंधन है। मोदी का ये भी कहना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाया, इसीलिए उन्हें हटाने के लिए ऐसे लोग इकट्ठा हो गए। इन सारे बयानों से दो बातें साफ हैं – शरद पवार को लगता है कि जितने केसेज बनें, अच्छा है, मोदी विरोधी मोर्चे की एकता उतनी ही मजबूत होगी। मोदी को लगता है कि वो भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बना पाएंगे और एक साथ सारे विरोधी दलों को घेर पाएंगे। नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में जो भाषण दे रहे हैं, उनमें इस बात पर काफी फोकस दिखाई दे रहा है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 05 अक्टूबर, 2023 का पूरा एपिसोड

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