मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर बड़ा खेल हो गया है। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर सत्ताधारी गठबंधन ‘महायुति’ में तलवारें खिंचने की नौबत आ गई है। दरअसल, 40 विधायकों वाली एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने लोकसभा चुनावों के लिए 22 सीटों पर दावा ठोक दिया है, जिसके बाद अजीत पवार के खेमे और बीजेपी में खलबली मच गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिंदे की सेना ने कहा है कि इन 22 सीटों पर उनकी ताकत बढ़ी है, ऐसे में वे इन सारी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।
45 सीटों पर जीत है बीजेपी का टारगेट
2024 लोकसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है। विपक्षी दल महाविकास अघाड़ी अपनी जमीन को टटोल रही है तो वहीं सत्ताधारी गठबंधन महायुति भी अपनी तैयारी में छूट गई है। भारतीय जनता पार्टी ने महायुति के लिए महाराष्ट्र की 48 में से 45 लोकसभा की सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। सरकार में विधायकों की संख्या के लिहाज से महायुति में BJP का हिस्सा सबसे बड़ा है, जबकि अजित पवार दूसरे और एकनाथ शिंदे तीसरे नंबर पर हैं। वहीं सांसदों की बात करें तो बीजेपी के 24, शिवसेना के 13 और अजित गुट के एक सांसद हैं।
महाराष्ट्र में सियासी भूचाल।
सियासी माहौल बदला- शिवसेना
एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने दलील दी है कि पिछले लोकसभा चुनाव में 26-22 का फॉर्मूला था। 22 सीटों में से 18 सीटों पर शिवसेना के उम्मीदवार जीते थे। अन्य 4 सीटों पर अलग-अलग सियासी परिस्थितियों की वजह से शिवसेना के 4 बड़े नेताओं की हार हुई थी, लेकिन अब सियासी माहौल बदल गया है। सांसद राहुल शेवाले ने कहा कि शिरोल और रायगढ़ 2 ऐसी सीटें हैं जिन पर एनसीपी से चर्चा हो सकती है। लेकिन अन्य 20 सीटों पर शिवसेना की स्थिति मजबूत है।
विपक्षी दलों ने साधा निशाना
एकनाथ शिंदे द्वारा 22 लोकसभा सीटों पर दावा ठोके जाने के बाद अब विपक्षी दलों ने भी निशाना साधना शुरू कर दिया है। राज्य के विपक्षी नेता विजय वड्डेटीवार ने कहा कि शिंदे गुट को मुश्किल से तीन से चार सीटें मिलेंगी । उनकी बार्गेनिंग पावर खत्म हो गई है। उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि कल आपको यह भी सुनने मिलेगा की यह बीजेपी का ही चुनाव चिन्ह लेकर खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि अपने कर्मो के फल आपको यहीं मिलने हैं। वहीं, एनसीपी शरद गुट के विधायक रोहित पवार ने कहा कि शिंदे सेना चाहे जितना दावा कर ले लेकिन अंत में जो बीजेपी कहेगी, दिल्ली जो चाहेगी, वही उन्हें करना होगा।
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