Indira Gandhi Birth Anniversary story of indira gandhi how a silent doll became iron lady of india- India TV Hindi

Image Source : FILE PHOTO
कहानी इंदिरा गांधी की…

Indira Gandhi Birth Anniversary: आज भारत दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक हो। अर्थव्यवस्था हो या सैन्य क्षमता दोनों में ही भारत अव्वल स्थान पर है। इस देश की नींव को मजबूत करने में सभी भारतीयों का योगदान है। देश के सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा लगातार देश के विकास के लिए कार्य किया। कई प्रधानमंत्रियों की देश में हत्या भी कर दी गई। इंदिरा गांधी भी उन प्रधानमंत्रियों में से एक हैं जिनकी हत्या कर दी गई थी। दरअसल 19 नवंबर 1917 को इंदिरा गांधी का जन्म हुआ था। पिता जवाहरलाल नेहरू और दादा मोतीलाल नेहरू इस समय देश के स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई लड़ रहे थे। दादा ने ही इंदिरा गांधी को उनका नाम दिया जो आगे चलकर आयरन लेडी के नाम से मशहूर हुईं। इंदिरा गांधी के फैसले लेने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें ‘दुर्गा’ शब्द से संबोधित किया था। 

पाकिस्तान का किया विभाजन

भारत का जब बंटवारा हुआ तो पाकिस्तान को दो भूमि के हिस्से मिले। पहले का नाम पड़ा ईस्ट पाकिस्तान और दूसरे का नाम पड़ा वेस्ट पाकिस्तान। पूर्वी पाकिस्तान को ही आज बांग्लादेश के नाम से जानते हैं, जिसे पाकिस्तान से अलग करने का श्रेय इंदिरा गांधी और हमारी सेना के जाता है। वहीं इंदिरा गांधी के कार्यकाल में ही भारत को परमाणु संपन्न देश बनाया गया। इसी समय इंदिरा गांधी ने खालिस्तान आंदोलन को कुचल दिया और ब्लू स्टार ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन के कारण इंदिरा गांधी की हत्या 1984 में उनके ही बॉडीगार्ड्स द्वारा कर दी गई। इंदिरा गांधी ने पहली बार पाकिस्तान को इतना गहरा जख्म दिया था, जिसे पाकिस्तान आज तक भूल नहीं सका है। दरअसल पश्चिमी पाकिस्तान की सेना द्वारा पूर्वी पाकिस्तान के बांग्ला भाषियों के साथ अत्याचार किया जा रहा है। इस समय इस दौरान भारी संख्या में शरणार्थी भारत में आ रहे थे। इस दौरान इंदिरा गांधी ने पश्चिमी पाकिस्तान के खिलाफ जाकर पूर्वी पाकिस्तान का समर्थन किया और बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई लड़ रही मुक्ति वाहिनी का साथ देने का आदेश दिया। 

इसके बाद 5 दिसंबर को भारतीय सेना पूर्वी पाकिस्तान पहुंचती है और पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ युद्ध शुरू हो जाता है। मात्र 11 दिन चले इस युद्ध का अंत 16 दिसंबर 1971 को होता है। इस लड़ाई की सबसे खास बात यह रही कि पूर्वी पाकिस्तान में लड़ रहे पश्चिमी पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने सरेंडर कर दिया था। इतिहास में बहुत कम बार ही ऐसा देखने को मिला है कि इतनी बड़ी संख्या में होने के बावजूद किसी ने आत्मसमर्पण किया हो। पाकिस्तान के खिलाफ इस लड़ाई में भारत की जीत के बाद बांग्लादेश नाम से एक नया देश बना जो अब पाकिस्तान के अधीन नहीं था। खास बात यह है कि इस युद्ध में पाकिस्तान का साथ अमेरिका दे रहा था। 

बैंकों का राष्ट्रीयकरण

इंदिरा गांधी ने अपने जीवनकाल में कई साहसिक फैसले लिए। इनमें से एक था बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना। देश जब अर्थिक तंगियों से जूझ रहा था, इस दौरान इंदिरा गांधी ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण करने का फैसला लिया। 19 जुलाई 1969 को इंदिरा गांधी ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण का आदेश दिया। इस दिन 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। दरअसल इन बैंकों पर बड़े-बड़े औद्योगिक घराने का कब्जा था। दूसरी बार साल 1980 में 7 अन्य बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था। 

खालिस्तान की कमर तोड़ी

पाकिस्तान के दो टुकड़े हो जाने के बाद साल 1980 में खालिस्तान नाम से चल रहा आंदोलन चरम पर पहुंच गया था। यह भारत सरकार के लिए परेशानी का कारण बन चुका था। इस दौरान पाकिस्तान में खूब हत्याएं हो रही थी। इस आंदोलन का प्रमुख जरनैल सिंह भिंडरावाला था। इंदिरा गांधी ने इस आंदोलन को कुचलने का मन बना लिया और इस बाबत आदेश दिया। खालिस्तानी आतंकियों ने स्वर्ण मंदिर को अपना घर बना लिया। यहां से हमले हो रहे थे। इस दौरान इंदिरा गांधी द्वारा ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ जाता है। 3-6 जून 1984 को रात में भारतीय सेना के स्पेशल कमांडो जूते उतारकर और सिर पर कपड़े बांधकर सिख परंपरा के तहत स्वर्ण मंदिर में घुसे और खालिस्तानी आतंकियों को गोलियों से भून दिया। इस दौरान स्वर्ण मंदिर में टैंक भी उतारे गए थे। इस दौरान स्वर्ण मंदिर को काफी नुकसान पहुंचा था। 

पोखरण परमाणु परीक्षण

इंदिरा गांधी के ही समय में भारत परमाणु शक्ति बना था। साल 1974 में पोखरण में देश के पहले परमाणु परीक्षण की अनुमति दी गई। इस दौरान मिली सफलता ने दुनियाभर में तहलका मचा दिया। इसके बाद भारत की ताकत पूरी दुनिया ने देखी थी। इन साहसिक फैसलों के कारण ही गूंगी गुड़िया कही जाने वाली इंदिरा गांधी आयरन लेडी के रूप में मशहूर हो गईं।

आपातकाल और इंदिरा गांधी की हत्या

इंदिरा गांधी द्वारा जीवन के कुछ फैसलों में एक फैसला भारत में आपातकाल लगाने का भी था। साल 1975 में देश में आपातकाल लगाया गया जो लोकतंत्र पर एक कड़ा प्रहार था। इस कारण इंदिरा गांधी को आज भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। वहीं ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत स्वर्ण मंदिर में आतंकियों के खिलाफ लिए गए  एक्शन से सिख समुदाय की भावना आहत हुई थी और ऐसा संदेश सिखों में गया कि इंदिरा गांधी ने सिखों के सबसे पवित्र स्थल का अपमान किया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। 

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version