चीन के राष्ट्रपति, शी जिनपिंग (फाइल)- India TV Hindi

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चीन के राष्ट्रपति, शी जिनपिंग (फाइल)

चीन में भूंकप आने के बाद अब वहां के वैज्ञानिकों ने दुनिया का हैरान कर देने वाला एक बड़ा दावा किया है। बता दें कि चुन में आए हाल के भूंकप में 131 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि दर्जनों लोग घायल हैं। चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्हें सोमवार रात आए 6.2 तीव्रता के भूकंप से कुछ घंटे पहले इसका संकेत मिल गया था, लेकिन वे यह पता नहीं लगा पाए कि यह वास्तव में किस क्षेत्र में आएगा। एक रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई। चीन के गांसू और किंघई प्रांतों में आए 6.2 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 131 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

 

यह पिछले नौ वर्ष में चीन में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। भूकंप का पूर्वानुमान लगाना लगभग एक असंभव कार्य प्रतीत होता है, लेकिन चीनी प्रांत शांक्सी के अनुसंधानकर्ताओं ने एक अभूतपूर्व तकनीक विकसित करने का दावा किया है। अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि इस तकनीक की मदद से वे 7.0 या इससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप के झटके का सफलतापूर्वक पूर्वानुमान लगा सकते हैं। ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप किस स्थान पर आएगा, इस बारे में पूर्वानुमान लगाने का इन वैज्ञानिकों के पास अभी भी कोई तरीका नहीं है।

 

आवृत्तियों को बताया आधार

रिपोर्ट के मुताबिक, अनुसंधानकर्ताओं की टीम कम आवृत्तियों पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र की निगरानी करने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग करती है और इसके जरिये गुरुत्वाकर्षण तरंगों में असामान्यताओं की तलाश करती है, जो एक चेतावनी संकेत हो सकता है कि भूकंप का आसन्न खतरा है। इसके मुताबिक, कई सेंसर से ‘असामान्य डेटा रीडिंग’ के बारे में सर्तकता संदेश मिलने पर अनुसंधानकर्ताओं को पहली बार शुक्रवार सुबह अंदाजा मिला कि भूकंप आने वाला है। इसके बाद टीम ने चर्चा शुरू की कि भूकंप कहां आ सकता है। जियान जियाओतोंग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर झांग माओशेंग ने कहा, ‘‘हमें जल्द से जल्द उस स्थान का पूर्वानुमान लगाने की आवश्यकता थी, जहां भूंकप आ सकता था।’ ​ (भाषा)

 

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