छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में भी नई बीजेपी सरकार के लिए कैबिनेट विस्तार की तैयारी है। भजन लाल शर्मा सरकार के मंत्रिमंडल का आज यानी बुधवार को विस्तार हो सकता है। 22 से 25 मंत्री शपथ ले सकते हैं। माना जा रहा है कि पिछड़े वर्ग को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिल सकता है। हालांकि, पार्टी की ओर से अभी कोई पुष्टि नहीं की गई है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, बुधवार या गुरुवार को कैबिनेट विस्तार हो सकता है और शपथ ग्रहण के लिए राजभवन में तैयारियां की जा रही हैं।
नए विधायकों को मिलेगा मौका?
माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश की तरह ज्यादा नए विधायकों को मौके दिए जाएंगे। इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि आपको मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में जल्द ही सूचित किया जाएगा। सीएम शर्मा मंगलवार को श्रीकरणपुर विधानसभा के दौरे पर थे और मंगलवार शाम को जयपुर लौट आए। कैबिनेट विस्तार के चलते ज्यादातर विधायक जयपुर में ही रुके हुए हैं। अटकलें हैं कि वरिष्ठ सदस्यों की जगह उन विधायकों को मौका दिया जा सकता है, जो अब तक कभी मंत्री नहीं बने हैं। कुछ वरिष्ठ विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है और उनकी संख्या ज्यादा नहीं होगी।
जातीय संतुलन बनाए रखने पर नजर
वहीं, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नए मंत्रियों के चयन में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने पर भी नजर रहेगी। इस पृष्ठभूमि में माना जा रहा है कि शेखावाटी क्षेत्र, जहां बीजेपी का प्रदर्शन फिसड्डी रहा है, वहां ज्यादातर जीते हुए विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। बता दें कि राजस्थान में 33 सालों के बाद ब्राह्मण चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया गया है। वहीं, एक डिप्टी सीएम क्षत्रीय तो दूसरे डिप्टी सीएम दलित समुदाय से हैं। ऐसे में अब पार्टी में ओबीसी और एसटी चेहरों को प्रमुख मंत्रालयों की कमान देने की तैयारी है, जिसमें कई दिग्गज नेताओं को आगे किया जा रहा है। एसटी चेहरे में महिला और पुरुष दोनों को कैबिनेट और स्वतंत्र प्रभार दिए जाने की चर्चा है। वहीं, ओबीसी चेहरों में जाट, माली, कुमावत और गुजर्र को प्रमुखता दिए जाने पर चर्चा है।
कैबिनेट विस्तार में देरी पर गहलोत?
इस बीच, पूर्व सीएम अशोक गहलोत देरी से हो रहे कैबिनेट विस्तार को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की ‘अद्भुत योजनाओं’ को बंद नहीं करने की गारंटी नहीं मिलने की वजह से नई सरकार से जनता की उम्मीद शुरुआत में ही खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी युवा इंटर्नशिप कार्यक्रम को बंद कर जहां युवाओं को रोजगार से वंचित किया जा रहा है, वहीं चिरंजीवी योजना के तहत इलाज नहीं होने की खबरें भी आ रही हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि सबसे पहले राजस्थान के हित में सरकार का गठन हो, कैबिनेट बने और हमारी योजनाओं और सुचारु शासन के बारे में स्थिति स्पष्ट की जाए।