अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं, पूरे मंदिर के सजाया जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की पहली भव्य तस्वीर सामने आ गई है। ये तस्वीर गर्भगृह में रामलला के विराजमान होने से पहले की है। तस्वीर में श्रीराम के चेहरे पर मधुर मुस्कान, माथे पर तिलक और हाथों में धनुष-बाण दिखाई दे रहे हैं। अब अस्थाई मंदिर से रामलला के बाल रूप को गर्भगृह में स्थान दे दिया गया है।
आज और कल अयोध्या में रामलला के दर्शन नहीं होंगे, अब 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही दर्शन किए जा सकेंगे। आज गर्भगृह को 81 कलशों में भरे अलग-अलग नदियों के जल से शुद्ध किया जाएगा। आज वास्तु शांति अनुष्ठान भी होगा। इसके अलावा रामलला के विग्रह का फलाधिवास भी होगा। इन सबके बीच मंदिर में जहां फूलों की सजावट हो रही है वहीं इसे रोशनी से भी सजाया गया है। रोशनी के बाद मंदिर का रूप देखते ही बन रहा है।
मूर्ति नहीं मानो साक्षात ब्रह्मांड हैं
51 इंच ऊंची रामलला की प्रतिमा पांच वर्ष के बालक की छवि वाली है। काले पत्थर की इस मूर्ति में रामलला का बालस्वरूप है। कमल जैसी आंखे ठीक वैसी जैसे तुलसीदा की रामचरित मानस में वर्णित हैं। चेहरे पर बाल सुलभ मुस्कुराहट, एक हाथ में धनुष दूसरे हाथ में बाण लिए रामलला कमल के पुष्प पर खड़े हैं। मूर्ति के चारों तरफ़ सनातन धर्म के प्रतीक भी हैं। भगवान राम को हिंदू धर्म के त्रिदेवों में से एक विष्णु का अवतार माना जाता है इसीलिए, रामलला की इस मूर्ति के साथ शंख और चक्र की आकृति उकेरी गई है।
रामलला की मूर्ति
प्राण प्रतिष्ठा का दिव्य अनुष्ठान
22 जनवरी को भव्य-दिव्य समारोह के साथ होने वाले कार्यक्रम के लिए गर्भगृह को सजाया जा रहा है। कई क्विंटल फूलों से मंदिर का कोना कोना सज रहा है। वहीं अस्थाई मंदिर से रामलला की मूर्ति को भी अब नए मंदिर के गर्भ गृह में स्थान दिया गया है। गर्भगृह में अनुष्ठान लगातार जारी हैं। अरणी मंथन से पैदा हुई अग्नि से यज्ञशाला में हवन शुरू हो चुका है। आज 20 जनवरी को राम मंदिर के गर्भगृह को देश की अलग-अलग नदियों से लाए गए जल से पवित्र किया जाएगा। 81 कलश में भर कर जल लाया गया है, साथ ही आज वास्तु शांति अनुष्ठान भी होगा।
रामलला के लिए आए 56 भोग
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला को भोग लगाया जाएगा। 56 भोगों की इस थाली को विशेष रूप से तैयार करवाया गया है। इस भोग को भक्तों में प्रसाद के तौर पर भी बांटा जाएगा। अब बस इंतजार है 22 जनवरी का जब विशेष मुहूर्त मेंरामलला के इस दिव्य विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
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