Himachal Political Crisis- India TV Hindi

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हिमाचल प्रदेश राजनीतिक संकट जारी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट बरकरार है। सुक्खू सरकार पर आया खतरा अभी टला नहीं है। सीएम सुक्खू के बागी विधायकों को काला नाग कहने के बाद प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने फेसबुक प्रोफाइल से कांग्रेस और मंत्रिपद की  जानकारी हटा दी है। बता दें कि विक्रमादित्य बागी विधायकों को पार्टी में वापसी कराने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने चंडीगढ़ में बागी विधायकों से मुलाकात भी की थी, जिस पर सीएम सुक्खू भड़क गए थे।

बता दें कि विक्रमादित्य सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। उनके हर कदम पर सियासी पंडितों की नजर है। वह कांग्रेस के लिए एक अहम कड़ी है, अगर वह पार्टी से दूरी बनाते हैं तो कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। विक्रमादित्य ने ही ये कहा था कि विधायकों को दरकिनार किया गया, उनकी अनदेखी की गई और राजकोष का कुप्रबंधन हुआ। उन्होंने कहा था, ”इन सभी मुद्दों को समय-समय पर दिल्ली में हाईकमान के सामने उठाया गया, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया।” इसके बाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह से मुलाकात की थी और उनके बेटे विक्रमादित्य को लेकर भी चर्चा की गई थी।

सीएम सुक्खू ने क्या कहा?

धर्मपुर की जनसभा में सीएम सुक्खू ने कांग्रेस के बागी विधायकों को काला नाग बताया था और कहा था कि उनकी सरकार पूरे 5 साल चलेगी। बाद में उन्होंने फिर से ये बात कही थी कि पार्टी को जो लोग धोखा देते हैं, वह काला नाग होते हैं। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर बीजेपी के पास बहुमत है तो वह साबित करे।

उन्होंने विक्रमादित्य सिंह से नाराजगी पर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जब हम एक परिवार में रहते हैं, तो छोटी-मोटी नाराजगी चलती रहती है।

विक्रमादित्य ने बदला प्रोफाइल का स्टेटस

विक्रमादित्य सिंह ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान हरकत में आया और डैमेज कंट्रोल करने का दावा किया गया। हालांकि,  विक्रमादित्य सिंह ने एक बार फिर से ऐसा कदम उठाया, जिससे साफ हो रहा है कि हिमाचल में कांग्रेस के ऊपर से संकट अभी टला नहीं है।

विक्रमादित्य सिंह ने अपना फेसबुक प्रोफाइल का स्टेटस बदल दिया है। उन्होंने अपनी प्रोफाइल पर कांग्रेस विधायक की जगह ‘हिमाचल का सेवक’ लिख दिया है। इसके बाद एक बार फिर से हिमाचल की राजनीति में नए उठापटक को लेकर कयास शुरू हो गए हैं। 

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