Kerala- India TV Hindi

Image Source : PTI/FILE
केरल में अल्पसंख्यक वोट अहम

तिरुवनन्तपुरम: लोकसभा चुनावों का आगाज हो चुका है। सभी दल अपनी तैयारियों को तेज कर चुके हैं। इस बार केरल में बीजेपी भी एक मजबूत दावेदार बनकर उभरी है। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ और सीपीएम के नेतृत्व वाला एलडीएफ इस बात पर जूझ रहे हैं कि संघ परिवार के एजेंडे के खिलाफ कौन खड़ा हो सकता है।

बता दें कि केरल में राजनीतिक दलों के लिए अल्पसंख्यक वोट काफी अहम हैं और इसके पीछे जो वजह सामने आ रही है, वह चौंकाने वाली है। दरअसल केरल के 4 जिलों में अल्पसंख्यक ही बहुसंख्यक हैं।

बड़े मालाबार क्षेत्र में, जिसमें राज्य के भौगोलिक केंद्र पलक्कड़ से लेकर सबसे उत्तरी जिले कासरगोड तक आठ निर्वाचन क्षेत्र हैं, सभी सीटों पर 25% से अधिक मुस्लिम आबादी है – कासरगोड (30.8% लगभग), कन्नूर (26% लगभग) , वडकारा (31.2%), कोझिकोड (36.7%), वायनाड (41%), मलप्पुरम (68%), पोन्नानी (62.4%) और पलक्कड़ (29.4%)। 

इसके अलावा, जब ईसाई समुदाय को ध्यान में रखा जाता है, तो राज्य की 20 सीटों में से 13 में अल्पसंख्यक आबादी का हिस्सा 35% से अधिक है। राज्य में छह सीटें हैं जहां ईसाई आबादी की हिस्सेदारी 20% से अधिक है, ज्यादातर राज्य के दक्षिणी हिस्से में, सबसे ज्यादा इडुक्की (41.8%) और पथानामथिट्टा (39.6%) में हैं।

क्या कहता है इतिहास?

अगर राज्य के इतिहास की बात करें तो जब भी अल्पसंख्यकों के मतदान व्यवहार में उतार-चढ़ाव आया है, तो इसका चुनावी प्रभाव एलडीएफ और यूडीएफ दोनों पर पड़ा है। उदाहरण के लिए, 2019 के संसदीय चुनावों में, यूडीएफ ने मुस्लिम और ईसाई वोटों के एकीकरण के कारण 20 में से 19 सीटें जीतीं, जिसमें राहुल गांधी की वायनाड उम्मीदवारी से सहायता मिली, जिन्हें भविष्य के प्रधान मंत्री के रूप में पेश किया गया था।

लोकनीति सीएसडीएस के चुनाव बाद सर्वेक्षण के अनुसार, 2019 में यूडीएफ को 65% मुस्लिम वोट और 70% ईसाई वोट मिले, जबकि एलडीएफ को क्रमशः 28% और 24% वोट मिले।

इन चार जिलों में बहुसंख्यकों से ज्यादा हैं अल्पसंख्यक

  • मलप्पुरम में मुस्लिमों और क्रिश्चियंस की संख्या 72.2 फीसदी है।
  • इरनाकुलम में मुस्लिमों और क्रिश्चियंस की संख्या 53.7 फीसदी है। 
  • इडुक्की में मुस्लिमों और क्रिश्चियंस की संख्या 50.8 फीसदी है। 
  • वायनाड में मुस्लिमों और क्रिश्चियंस की संख्या 50 फीसदी है। 

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version