AAP protests outside BJP headquarters says they do not want Dalit person to become mayor of Delhi- India TV Hindi

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भाजपा मुख्यालय के बाहर AAP का विरोध प्रदर्शन

आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली नगर निगम के महापौर का चुनाव स्थगित किये जाने के खिलाफ शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार विरोध प्रदर्शन के दौरान महापौर पद के उम्मीदवार महेश खीची के साथ विधायक राखी बिरला और अजय दत्त सहित एक दर्जन से अधिक आप विधायकों और स्वयंसेवकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने चुनाव में आप उम्मीदवार की जीत के डर से उपराज्यपाल वी के सक्सेना के साथ मिलकर महापौर चुनाव को ‘रद्द’ करने की ‘साजिश’ रची। 

दलित समाज ने लिया विरोध प्रदर्शन में हिस्सा

आप ने आरोप लगाया कि भाजपा दलित समुदाय के एक व्यक्ति को दिल्ली का महापौर बनने से रोकना चाहती है। इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली से बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया और भाजपा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने ‘जय भीम’ और मोदी विरोधी नारे भी लगाए। राखी बिरला ने कहा, ‘‘इस बार एक दलित बेटे को दिल्ली का महापौर बनना था, लेकिन भाजपा के उपराज्यपाल ने रातों-रात चुनाव रद्द कर दिया। भाजपा, बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर के संविधान को बदलकर दलितों का वोट का अधिकार और आरक्षण छीनना चाहती है।” 

भाजपा के इशारे पर उपराज्यपाल ने….

उन्होंने कहा कि इस बार पूरे देश का दलित समुदाय भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगा और दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाएगी। अजय दत्त ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग द्वारा महापौर चुनाव की अनुमति देने के बावजूद, उपराज्यपाल ने भाजपा के इशारे पर एक दिन पहले ही चुनाव रद्द कर दिया। खीची ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि वह खुलेआम लोकतंत्र और संविधान की हत्या कर रही है। 

इंडी गठबंधन की होगी जीत

खीची ने कहा, ‘‘ इसका जवाब देश की जनता अपने वोट से देगी और 25 मई को दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन जीतने जा रहा है।’’ भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी को ‘दलित विरोधी’ और ‘महिला विरोधी’ करार देते हुए आरोप लगाया कि आप की प्रक्रियात्मक चूक के कारण महापौर चुनाव स्थगित कर दिया गया क्योंकि वह पहले से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने में विफल रही। भाजपा ने दावा किया कि दिल्ली में प्रशासन के कामकाज से जुड़ी तीन हजार से अधिक फाइल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास करीब एक साल से लंबित हैं। 

(इनपुट-भाषा)





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