4th phase election- India TV Hindi

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चौथे चरण का मतदान

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए वोटिंग 13 मई को होगी। इस चरण में चुनावी मैदान में उतरे 1,710 उम्मीदवारों में से 21 प्रतिशत ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।उम्मीदवारों की बात करें तो चौथे चरण के लिए तेलुगू देशम पार्टी के डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी सबसे अमीर उम्मीदवार हैं, जिनकी कुल संपत्ति 5,700 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि 24 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके पास कोई संपत्ति नहीं है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के लिए 1710 में से कुल 476 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जिनकी संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है। 

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 360 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है, जिनमें से 17 उम्मीदवारों को विभिन्न मामलों में दोषी ठहराया गया है। 11 उम्मीदवारों पर हत्या से संबंधित मामले दर्ज हैं, तो वहीं 30 पर हत्या के प्रयास का आरोप है और 50 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि पांच उम्मीदवारों पर दुष्कर्म के आरोप हैं।

आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के तीन में से तीन उम्मीदवार, शिवसेना के तीन में से दो उम्मीदवार, भारत राष्ट्र समिति के 17 में से 10 उम्मीदवार, कांग्रेस के 61 में से 35 उम्मीदवार और भारतीय जनता पार्टी के 70 में से 40 उम्मीदवारों ने शपथपत्र में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। इसके अलावा तेलुगू देशम पार्टी के 17 में से नौ उम्मीदवार, बीजू जनता दल के चार में से दो उम्मीदवार, राष्ट्रीय जनता दल के चार में से दो उम्मीदवार, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के चार में से दो उम्मीदवार, वाईएसआरसीपी के 25 में से 12 उम्मीदवार, तृणमूल कांग्रेस के आठ में से तीन उम्मीदवार और समाजवादी पार्टी के 19 में से सात उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।

एडीआर ने दिया है प्रस्ताव

एडीआर के विश्लेषण से प्रमुख राजनीतिक दलों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के बारे में जानकारी मिलती है। एडीआर ने इन विश्लेषणों के आधार पर राजनीति के अपराधीकरण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कई सुधारों का प्रस्ताव रखा है. इनमें गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए उम्मीदवारों की स्थायी अयोग्यता, राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत लाना और चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवारों के लिए सख्त दंड लागू करना शामिल है।

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