पहलगाम (कश्मीर): जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुसलमानों के लिए चुनौतीपूर्ण समय में राष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रभावशाली नेता नहीं है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अब्दुल्ला ने कहा कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में रहकर वह भूमिका निभा सकते थे, लेकिन उनकी ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी’ (DPAP) अब महज चेनाब घाटी तक ही सीमित है। अब्दुल्ला ने देशभर के मुसलमानों में ‘कुछ भरोसा जगाने’ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत मुस्लिम नेता की जरूरत पर जोर दिया। आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस से 5 दशक का नाता तोड़ लिया था और उसके अगले महीने DPAP का गठन किया था।
‘आजाद कांग्रेस नेतृत्व में अहम भूमिका निभा सकते थे’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘वह (आजाद) ऐसे व्यक्ति थे जो कांग्रेस के अभियान के अगुवा होते। वह कांग्रेस नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते थे। मुझे नहीं पता क्या गलत हुआ, लेकिन मुझे बुरा लगा। हमारे पास राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मुस्लिम नेता नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि आजाद का वहां नहीं होना मुस्लिम समुदाय के लिए बड़ा नुकसान है, खासकर इस समय जब मुसलमानों को बीजेपी के ‘हमलों’ का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हर दिन कोई न कोई हमला होता है, चाहे वह मंगलसूत्र का मुद्दा हो, देश के संसाधनों के बंटवारे का मुद्दा हो, बाबरी मस्जिद को लेकर बात हो या राम मंदिर पर ताला लगाने का दावा हो।’
‘मुसलमानों ने कब मंदिरों पर बुलडोजर चलाया’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘और अब नया हमला यह है कि मुसलमान राम मंदिर को ध्वस्त कर देंगे। क्यों? हम पागल हैं क्या? हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार कर लिया है और राम मंदिर तैयार है। पिछले 100 वर्षों में मुसलमानों ने कब मंदिरों पर बुलडोजर चलाया? हम इसके पीड़ित रहे हैं। इस समय आपको देश के बाकी हिस्सों में मुसलमानों में भरोसा जगाने लिए राष्ट्रीय स्तर के एक मुस्लिम नेता की जरूरत है। दुख की बात है कि इस समय हमारे पास वह नहीं है।’
PDP ने BJP का आधार बनाने में मदद की
इस बीच, बुधवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम इलाके में जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि PDP ने जम्मू-कश्मीर में BJP को 3 साल से अधिक समय तक शासन करने में मदद की, जिसके कारण अनुच्छेद 370 निरस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘PDP ने BJP को कश्मीर में 3.5 साल तक अपना आधार बनाने में मदद की। वे आज किस मुंह से यह कहकर आपसे वोट मांग रहे हैं कि वे अनुच्छेद 370 रक्षा करेंगे? इसे निरस्त करने में उनका हाथ था। उन्होंने इसे समाप्त करने में अपनी भूमिका निभाई। वे इसे कैसे बचाएंगे?’