इस्लामाबाद: एक तरफ पाकिस्तान में जनता बेहाल और महंगाई से त्रस्त है तो वहीं अब मुल्क की सियासी फिजा भी बदलती हुई नजर आ रही है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने आईएमएफ समझौते और कर्ज पर निर्भर रहने को लेकर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार की आलोचना की और कहा कि वह लोगों को उनके हाल पर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि सरकार कैसे बनाई और गिराई जाती है।” उन्होंने वादा किया कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) निर्णायक कार्रवाई करेगी।
राष्ट्रपति जरदारी ने कही बड़ी बात
जुलाई 2023 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को तीन अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज देने के समझौते को मंजूरी दी थी। इस सप्ताह की शुरुआत में वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने आगाह किया था कि अगर पाकिस्तान ने कर राजस्व नहीं बढ़ाया तो उसे आईएमएफ से कर्ज लेने की जरूरत पड़ती रहेगी। समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर में जरदारी के हवाले से कहा गया है, “आईएमएफ का कर्ज लोगों के लिए एक परीक्षा है। हम जानते हैं कि सरकार कैसे बनाई और गिराई जाती है।
पीपीपी नेताओं ने की शिकायत
बुधवार को पंजाब से पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेताओं ने लाहौर में राष्ट्रपति जरदारी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में नेताओं ने राष्ट्रपति से केंद्र और राज्य सरकार को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। मीटिंग में पीपीपी के नेताओं ने शिकायत करते हुए कहा था है कि पार्टी से उसके अधिकार छीने जा रहे है। केंद्र और पंजाब सरकार पार्टी की मदद नहीं कर रही है। चुने गए नेता भी अपने क्षेत्र में काम नहीं करा पा रहे हैं। नेताओं ने कहा कि हमें भी जनता ने वोट देकर चुना है, हमें अपने इलाके के लोगों के काम पूरे करने हैं, मतदाताओं को संतुष्ट करना है। इस पर राष्ट्रपति जरदारी ने आश्वासन देते हुए कहा कि पार्टी के नेताओं की समस्याओं का जल्द ही समाधान किया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति जरदारी का बड़ा बयान सामने आया है।
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दरअसल, केंद्र और पंजाब में शहबाज शरीफ की पार्टी मुस्लिम लीग को बिलावल की पार्टी का समर्थन हासिल है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, बिलावल के पिता और PPP पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं। ऐसे में इस मीटिंग को सरकार में फूट के तौर पर देखा जा रहा है। (एपी)
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