फर्जी सर्टिफिकेट देकर IAS बन गई महिला।- India TV Hindi

Image Source : PIXABAY/PTI
फर्जी सर्टिफिकेट देकर IAS बन गई महिला।

सिविल सेवा परीक्षा से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान हो गया है। महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की IAS अधिकारी पूजा खेडकर पर कथित तौर पर फर्जी सर्टिफिकेट जमा कर के सिविल सेवा परीक्षा पास करने का आरोप है। कुछ दिनों से इस हैरान कर देने वाले मामले की सोशल मीडिया पर भी जमकर चर्चा हो रही है। आइए विस्तार से जानते हैं इस पूरे मामले को। 

क्या है आरोप?

आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्र जमा किए थे। मामला तब चर्चा में आया जब एक दिन पहले ही प्रोबेशन पूरा कर रही अधिकारी को पद के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया।

निजी ऑडी कार और VIP नंबर

जानकारी के मुताबिक, आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करती थीं। एक अधिकारी ने बताया है कि खेडकर ने ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी थी और मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी दिया था। जब अधिकारी को दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए एम्स दिल्ली जाने को कहा गया तो वह कोरोना का हवाला देते हुए वहां नहीं गई।

 

पिता थे महाराष्ट्र सरकार में अधिकारी

जानकारी के मुताबिक, आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर भी महाराष्ट्र सरकार में के पूर्व अधिकारी हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में दिलीप खेडकर ने 40 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी। हालांकि, एक अधिकारी ने बताया है कि पूजा खेडकर ने ओबीसी श्रेणी के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी, जहां पर क्रीमी लेयर की सीमा आठ लाख रुपये वार्षिक पैतृक आय है। (इनपुट: भाषा)

 

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version