‘नाजी जर्मनी में…’, कांवड़ यात्रा मार्ग को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस के निर्देश पर ये क्या बोल गए जावेद अख्तर


javed Akhtar- India TV Hindi

Image Source : INSTAGRAM
जावेद अख्तर।

हिंदी सिनेमा के दिग्गज पटकथा लेखक जावेद अख्तर न केवल फिल्म उद्योग में अपने बेजोड़ लेखन के लिए जाने जाते हैं, बल्कि राष्ट्रीय और अन्य सामाजिक मुद्दों पर नियमित रूप से मुखर होने के लिए भी जाने जाते हैं। सोशल मीडिया से लेकर पब्लिक इवेंट में जावेद अख्तर बेबाकी से अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं। गुरुवार को अख्तर ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को लेकर चल रहे विवाद पर अपने विचार रखे, जहां स्थानीय पुलिस ने दुकान पर मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है। अपने एक्स हैंडल पर अख्तर ने इस फैसले की तुलना ‘नाजी जर्मनी’ से की।

जावेद अख्तर ने उठाए सवाल

जावेद अख्तर ने एक्स पर लिखा, ‘मुजफ्फरनगर यूपी पुलिस ने निर्देश दिया है कि निकट भविष्य में किसी विशेष धार्मिक जुलूस के मार्ग पर सभी दुकानों, रेस्टोरेंट और यहां तक ​​कि वाहनों पर मालिक का नाम प्रमुखता से और स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए। क्यों? नाजी जर्मनी में वे केवल विशेष दुकानों और घरों पर ही निशान बनाते थे।’ इस पोस्ट के सामने आने के बाद ही नई चर्चा शुरू हो गई है। कई लोग अख्तर का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कई आलोचना करने में भी लगे हुए हैं। 

यहां देखें पोस्ट

पुलिस ने दी सफाई

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहे जाने पर विवाद के बाद मुजफ्फरनगर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि पुलिस ने सभी भोजनालयों से अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम ‘स्वेच्छा से प्रदर्शित’ करने का आग्रह किया है। साथ ही कहा कि इस आदेश का उद्देश्य किसी भी तरह का ‘धार्मिक भेदभाव’ पैदा करना नहीं है, बल्कि केवल भक्तों की सुविधा के लिए है।

मुजफ्फरनगर पुलिस का निर्देश

मुजफ्फरनगर पुलिस ने कहा, ‘श्रावण कांवड़ यात्रा के दौरान पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में कांवड़िये पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रास्ते हरिद्वार से जल लेकर मुजफ्फरनगर जिले से गुजरते हैं। श्रावण के पवित्र महीने के दौरान, कई लोग, खासकर कांवड़िये अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करते हैं। पूर्व में ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जहां कांवड़ मार्ग पर सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ बेचने वाले कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों के नाम इस तरह से रखे हैं, जिससे कांवड़ियों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई और कानून-व्यवस्था बिगड़ी। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए कांवड़ मार्ग पर खाद्य पदार्थ बेचने वाले होटलों, ढाबों और दुकानदारों से अनुरोध किया गया है कि वे स्वेच्छा से अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करें। इस आदेश का उद्देश्य किसी भी प्रकार का धार्मिक भेदभाव पैदा करना नहीं है, बल्कि मुजफ्फरनगर जिले से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, आरोपों का जवाब देना और कानून-व्यवस्था की स्थिति को बचाना है। यह व्यवस्था पूर्व में भी प्रचलित रही है।

Latest Bollywood News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *