रोहतक: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल पर रिहाई मिल गई है। वह रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ गया है। राम रहीम पुलिस सुरक्षा के बीच यूपी के बरनावा आश्रम के लिए रवाना हो गया है। राम रहीम को बीस दिन की पैरोल मिली है। पैरोल की अवधि के दौरान राम रहीम पर चुनाव संबंधी गतिविधियों में भाग लेने और हरियाणा में दाखिल होने पर रोक लगाई गई है। राम रहीम सिंह ने 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले 20 दिन की पैरोल देने की अर्जी दी थी। इस अर्जी के आधार पर उसे पैरोल दी गई। पैरोल की शर्तों के अनुसार, डेरा प्रमुख किसी भी चुनाव से जुड़ी गतिविधि में भाग नहीं लेगा और इस अवधि के दौरान हरियाणा से बाहर रहेगा।
राम रहीम को मिली है 20 साल की सजा
आचार संहिता लागू होने के कारण राम रहीम की पैरोल अर्जी को चुनाव आयोग को भेजा गया था। डेरा प्रमुख ने कहा था कि पैरोल मिलने की स्थिति में वह उत्तर प्रदेश के बागपत में रहने का इच्छुक है। अदालत ने राम रहीम को 2017 में अपनी दो शिष्याओं के साथ रेप का दोषी करार देते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई थी। राम रहीम और तीन अन्य को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए भी 2019 में दोषी ठहराया गया था।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी की इजाजत के बाद मिली पैरोल
हरियाणा जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को चिट्ठी में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रशासन के 30 सितंबर की उस चिट्ठी का हवाला दिया, जिसमें राम रहीम द्वारा 20 दिन की पैरोल मांगते समय दिए गए जरूरी कारणों का उल्लेख किया गया था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, ‘‘इस पत्र के मद्देनजर, राज्य सरकार जिला जेल, रोहतक में बंद दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल (20 दिन) देने के मामले पर विचार कर सकती है, बशर्ते कि आपके 30 सितंबर के चिट्ठी में दिए गए कारण से जुड़े तथ्य सही हों।’’
इन शर्तों पर मिली पैरोल
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पैरोल की शर्तें होंगी कि वह हरियाणा नहीं जाएगा, कोई सार्वजनिक भाषण नहीं देगा और इस दौरान किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा। चिट्ठी में चेतावनी दी गई कि इसके अलावा, राम रहीम की आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वह चुनाव से जुड़ी किसी गतिविधि में शामिल न हो। साथ ही अगर राम रहीम किसी आपत्तिजनक गतिविधि में लिप्त पाया जाता है, तो उसकी पैरोल तुरंत रद्द कर दी जानी चाहिए।