गर्मी जाते ही सर्दी के खुशगवार मौसम की शुरुआत होती है। अब, जबकि नवम्बर का महीना आ गया है। धीरे-धीरे दिल्ली नोएडा में गुलाबी ठंड दस्तक देने लगी है। यह मौसम खाने-पीने, धूप सेंकने के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है इसलिए लोग इसका बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। लेकिन, ठंड अपने साथ कई गंभीर बीमारियां भी लेकर आती है। इसमें से स्ट्रोक भी एक हैं। बता दें, ठंड की वजह से ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं होता है जिससे खून जमने लगता है। ऐसी स्थिति में रक्त दिमाग तक नहीं पहुंच पाता है जिससे मस्तिष्क के ऊतकों को अच्छी तरह से ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इस कारण दिमाग की कोशिकाएं कमजोर पड़ने लगती हैं जिससे स्ट्रोक की समस्या हो सकती है। यह स्थिति बेहद गंभीर होती है और इसमें मरीज की जान भी जा सकती है। ऐसे में मेधारबोर अस्पताल, गुड़गांव स्थित स्ट्रोक एक्सपर्ट डॉ. भूपेश कुमार बता रहे हैं कि विंटर स्ट्रोक के मुख्य कारण क्या है और इससे बचाव कैसे करें?
विंटर स्ट्रोक के कारण:
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रक्त वाहिकाओं का सिकुड़ना: ठंड के कारण रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ने लगती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है – जो स्ट्रोक की सबसे बड़ी वजह है। यह बढ़ा हुआ दबाव हृदय प्रणाली पर दबाव डालता है। खासकर जो लोग हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें स्ट्रोक आने की संभावना ज़्यादा होती है।
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शारीरिक गतिविधि में कमी: सर्दियों के दौरान खराब जीवनशैली और खानपान स्ट्रोक की एक बड़ी वजह है। दरअसल , ठंड बढ़ने से शारीरिक गतिविधि में कमी आती है और लोग आलस की वजह से अक्सर घर के अंदर रहते हैं। इस दौरान लोग व्यायाम कम करते हैं और हाई कैलोरी युक्त फ़ूड का सेवन ज़्यादा करते हैं जिससे वजन तेजी से बढ़ता है। इस कारण ब्लड प्रेशर और बैड कोलेस्ट्रॉल भी तेजी से बढ़ता है। ये कारक रक्त के गाढ़ेपन और थक्के बनने की संभावना को तेजी से बढ़ाते हैं।
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कम तापमान: सर्दियों में तापमान कम होने की वजह से खून गाढ़ा होने लगता है जिससे रक्त में थक्का बनने लगता है और फिर इससे मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं बंद हो सकती है। इससे स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है। विशेष रूप से इस्केमिक स्ट्रोक के लिए खतरनाक, जहां रक्त के थक्के मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बाधित करते हैं।
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फ्लू: सर्दी में फ्लू जैसे श्वसन संक्रमण की दर बढ़ जाती है। ये संक्रमण सूजन का कारण बनते हैं, जिससे रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ सकता है और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है। सूजन धमनियों में प्लाक के फटने की संभावना को बढ़ाती है, जिससे थक्का बन सकता है और अंततः स्ट्रोक हो सकता है।
कैसे करें अपना बचाव?
विंटर स्ट्रोक से बचने के लिए सर्द हवाओं से बचना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में आपको अपने आप को एक्टिव रखना होगा। जीवनशैली को बेहतर करन जैसे- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतुलित डाइट लेना। रक्त वाहिका संकुचन को रोकने के लिए हमेशा गर्म कपड़े पहनने चाहिए और जोखिमों को कम करने के लिए श्वसन संक्रमण के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करना चाहिए।