Exclusive: JMM का नाम ‘झारखंड मिटाओ मोर्चा’, शिवराज ने झारखंड में CM फेस पर भी दिया बयान


झारखंड चुनाव पर शिवराज का इंटरव्यू।- India TV Hindi

Image Source : INDIA TV
झारखंड चुनाव पर शिवराज का इंटरव्यू।

Exclusive: झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग 20 नवंबर को आयोजित की जाएगी। केंद्रीय कृषि मंत्री और झारखण्ड में बीजेपी के विधानसभा चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने भी झारखंड में बड़े स्तर पर चुनाव प्रचार किया है। दूसरे चरण के चुनाव से पहले शिवराज सिंह चौहान ने India Tv को दिए इंटरव्यू में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत का दावा किया है। शिवराज ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 5 दिन के मेहमान हैं। आइए जानते हैं चुनाव से जुड़े सवालों पर शिवराज ने क्या जवाब दिए हैं।

झारखंड और महाराष्ट्र में आपने कई रैलिया की हैं, दोनों राज्यों में क्या उम्मीदें हैं?

झारखंड और महाराष्ट्र दोनों हम जीत रहे हैं। झारखंड में गवर्नेंस नाम की कोई चीज नहीं है। यहाँ आम आदमी पूरी तरह से त्रस्त और परेशान है। अब यहां के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 5 दिन के मेहमान हैं। मुख्यमंत्री पद पर यहां परिवर्तन सुनिश्चित है।

लेकिन हाल में हुए लोकसभा चुनाव में दोनों राज्यों में अपेक्षा के अनुरूप सीटें आपको नहीं मिली, इतने कम समय में ऐसा क्या हो गया कि अब सरकार बन जाएगी?

जहां तक झारखंड का सवाल है लोकसभा में हम 14 में से 9 सीट जीते। यहां इंडिया गठबंधन केवल पांच सीट जीता है। लोकसभा में जो नतीजे आए हमारे पक्ष में थे। दूसरी सबसे बड़ी बात ये कि विधानसभा के चुनाव में इस सरकार के खिलाफ एक जबरदस्त विद्रोह जैसी भावना है। 5 साल में कोई वादा पूरा नहीं किया, बेरोजगारी भत्ता नौजवानों को देंगे, 5 लाख नौकरियां देंगे, शादी में सोने का सिक्का बेटियों को देंगे, 114 वादे थे। कहा बहनों को 2000 देंगे चूल्हा खर्च के लिए, शुरू से एक तो कुछ किया नहीं दूसरा भयानक भ्रष्टाचार। हेमंत सोरेन सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री के रूप में इतिहास में दर्ज किए जाएंगे। भयानक भ्रष्टाचार एक-एक नेता के घर से 350 करोड़ निकल रहे नोटों के पहाड़ का पैसा किसका है? लोगों में आक्रोश इसलिए भी है पेपर लीक हो रहा है जिसमें इनके आसपास के लोग शामिल रहे हैं।

कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भ्रष्टाचार के आरोप में हेमंत सोरेन को जेल भेजे जाने के बाद उनके प्रति आदिवासी समाज में सहानुभूति हुई और कल्पना सोरेन जैसा एक नया नेता भी उनको मिल गया?

जनता सच्चाई जानती है, हमारे आदिवासी भाइयों को भी क्या मिला है। प्रधानमंत्री ने काफी पैसा दिया झारखंड को, उनमें से अधिकांश योजनाओं का पैसा जैसे जल जीवन मिशन में कोई काम ही नहीं हुआ। पीएम का सपना था हर घर में जल पहुंचाएंगे लेकिन पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। मनरेगा का पैसा कहां गया, यहां तक की गरीबों का राशन भी खा गए। जिन गरीबों का राशन आपने खा लिया वह गरीब कैसे वोट देंगे आपको?

लेकिन JMM गठबंधन को तो बड़ी उम्मीद है आपकी तर्ज पर शुरू की गयी मईया सम्मान योजना से?

मेरी तर्ज पर नहीं मेरी योजना की नकल की उन्होंने, लेकिन केवल चुनाव के दो महीने पहले किया। मध्य प्रदेश में या दूसरे राज्यों में हमने  केवल 2 महीने के लिए पैसे नहीं दिए। छत्तीसगढ़ में अभी-अभी सरकार बनी हमने पैसा देना शुरू कर दिया। बीजेपी जो करती है वह महिला सशक्तिकरण और जन कल्याण के लिए करती है, वोटों के लिए या दिखावे के लिए नहीं करती। जनता और बहनें भी सच्चाई जानती हैं कि किनकी योजनाएं चुनावी योजना है। हमने गोगो दीदी योजना संकल्प पत्र में घोषित किया। हम बहनों के खातों में ₹2100 हर महीने की 11 तारीख को डालेंगे। विश्वास मोदी जी पर है, श्रद्धा मोदी जी में है, मोदी जी झारखंड के दिल में है और भारतीय जनता पार्टी जो कहती है वह करती है। गोगो दीदी योजना इनकी योजना पर भारी पड़ेगी।

कोल्हान को लेकर क्या उम्मीद हैं, पिछली बार तो खाता भी नहीं खुला था आपलोगों का?

कोल्हान में चमत्कारिक सफलता हमको मिलेगी> बीजेपी को एक भी सीट वहां नहीं मिली थी, आज कई आदिवासी सीट हम वहाँ जीत रहे हैं जिनमें चंपई सोरेन की सीट भी शामिल है। हमको कुछ चमत्कारिक  मिलने वाला है।

बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को बड़े जोर-शोर से आपलोगों ने उठाया है, क्या ये लोगों तक पहुंचा है?

हमारे लिए ये चुनावी मुद्दा नहीं है। झारखंड आज संकट में है, यहां माटी बेटी और रोटी की बात है। वे आदिवासियों की जमीन पर बस रहे हैं, बेटियों को भ्रमित करके शादियां की जा रही हैं, शादी करके उनके नाम पर जमीन खरीद ली जाती हैं। पंचायत के चुनाव लड़वा कर उनके संसाधनों पर भी कब्जा कर लिया जाता है। अकेले संथाल परगना में आदिवासी आबादी जो कभी 44% थी आज 28% रह गई। निरंतर आदिवासियों की संख्या घट रही है, घुसपैठियों की बढ़ रही है। और कारण यह है कि यह जो सरकार है वह घुसपैठियों को संरक्षण देती है, लाती है, बसाती  है, आधार कार्ड बनवाती है, राशन कार्ड बनवाती है, वोटर लिस्ट में नाम लिखवाती है और बाद में वह JMM का  झंडा लगाते हैं। डेमोग्राफी चेंज हो रही है जो बड़ा खतरा है, यह चुनाव का मुद्दा है ही नहीं, यह राष्ट्र का मुद्दा है।

लेकिन कांग्रेस और JMM कहती है कि सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी तो केंद्र सरकार की है, झारखंड से तो बांग्लादेश की सीमा भी नहीं लगती?

हमारी सरकार असम में आई, उसके पहले घुसपैठ होती थी। जब से सरकार आयी घुसपैठ बंद है। वे तो बसाते हैं रोजगार देते हैं, उनके राशन कार्ड बन जाते हैं। यहां की पुलिस यहां का प्रशासन यहां का कलेक्टर यहां का तहसीलदार यह क्या कर रहे? बाहर के लोग आ रहे तो देख क्यों नहीं रहे? क्योंकि यह खुद ही बसाते हैं। असम में हेमंत विश्व शर्मा की बीजेपी की सरकार है, वहां तो नहीं बस रहे। यहां भी हमने तय किया है कि बीजेपी की सरकार बनी तो घुसपैठिये पहचाने जाएंगे और उनको वापस बांग्लादेश भेजा जाएगा।

घुसपैठियों को कैसे निकालेंगे, कैसे पहचानेंगे, उनके आधार कार्ड तक बन गए हैं?

एक तो कानून बनाकर जमीनों का जो कब्जा हुआ है वह वापस दिलाएंगे। भाजपा का कहना है कि जो बेटी, जिसने घुसपैठियों से शादी की है उसको आदिवासी अधिकार नहीं मिलेंगे और इनको चिन्हित करेंगे। पहचानना कठिन नहीं है, कब से आए कैसे आए, जांच करेंगे तो सारी चीज सिद्ध हो जाएंगी। कई जिले घुसपैठिये बहुल हो गए हैं, पाकुड़ की स्थिति जाकर आप देख लीजिए। 

आजकल बटेंगे तो कटेंगे, एक हैं तो सेफ हैं का नारा खूब आपलोग दे रहे हैं, कितना असर है इन नारों का?

एकता का तो असर होता ही है। एक हैं तो सेफ हैं, बंटने क्यों चाहिए? बांटने की राजनीति यदि किसी ने की है तो कांग्रेस ने की है। नेहरू जी ने देश बांट दिया धर्म के नाम पर। जाति के नाम पर देश बांटने की साजिश राहुल गांधी और कांग्रेस कर रही है। टुकड़े-टुकड़े में बांटना चाहती है इस देश को। इतनी जाति-पाति क्या-क्या कर रहे ये लोग, बांटने की मानसिकता राहुल गांधी की है।

आप JMM का अलग अलग नामकरण करते रहे हैं, अब नया नाम क्या दिया है आपने?

मैंने कहा कि JMM झारखंड मुक्ति मोर्चा नहीं है, झारखंड मिटाओ मोर्चा है। इसलिए कि सभी योजनाओं में भयानक भ्रष्टाचार है, बच्चों को रोजगार नहीं है, घुसपैठिये  घुस रहे हैं। 

चलते चलते ये बता दीजिये कि बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री कौन होगा, कोल्हान से होगा या संथाल से होगा?

चुनाव जीतेंगे, मुख्यमंत्री कौन होगा ये पार्टी का पार्लियामेंटरी बोर्ड तय करेगा।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version