nana patole and ambadas danve- India TV Hindi

Image Source : PTI/X-AMBADASDANVE
नाना पटोले (बाएं), अंबादास दानवे (दाएं)

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में हार के बाद महाविकास अघाड़ी में दरार पड़ती दिख रही है। शिवसेना उद्धव गुट के नेता अंबादास दानवे गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। इसके जवाब में कांग्रेस के नाना पटोले का कहना है कि अगर कोई गठबंधन से बाहर जाना चाहता है तो यह उनका फैसला होगा। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आने के बाद से विपक्षी नेता लगातार ईवीएम से छेड़छाड़ की बात कह रहे हैं और चुनाव आयोग के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं।

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने एमवीए से उद्धव ठाकरे की पार्टी के बाहर होने और ख़ुद के बल पर महानगर पालिका चुनाव लड़ने के अंबादास दानवे के बयान पर कहा कि हम अपने सहयोगी दलों को साथ रखना चाहते है पर अगर किसी को बाहर जाना है तो यह उनका निर्णय होगा। उन्होंने कहा “वैसे संजय राउत ने आज साफ किया है कि उनकी पार्टी एमवीए में ही रहेगी।

महायुति पर साधा निशाना 

नाना पटोले ने दिल्ली में एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और अमित शाह की बैठक को लेकर कहा “महायुति को बहुमत मिला फिर भी जल्दी सरकार नहीं बना पा रहे हैं। इनकीं बैठक महाराष्ट्र के लिए नहीं बल्कि सरकार बनाकर कौन कितना महाराष्ट्र को लूट सकता है इस बात के लिए है। महाराष्ट्र को लूटने और दिल्ली के आका के मित्र को फ़ायदा कैसे पहुंचाना है। इस पर यह सब बैठक करेंगे। इनको ना महाराष्ट्र की कुछ पड़ी है, ना जनता की समस्याओं की।

चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में हार के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग की भूमिका पर शक जताया है और सवाल उठाया है कि शाम साड़े पांच बजे के बाद 76 लाख से ज्यादा वोट पड़े। यह कैसे हुआ? चुनाव आयोग सबूत दे। इसके खिलाफ कांग्रेस विरोध प्रदर्शन करेगी और कानूनी लड़ाई भी लड़ेगी।

सीएम चेहरा होता तो बेहतर होता

महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने कहा “मैंने चांदीवाली से चुनाव लड़ा। मैं 20 हजार वोट से हार गया। अब मैंने वीवी पैट जांच की मांग की है। मुझे शक है कि गड़बड़ी की गई है।” अंबादास दानवे के बायन पर उन्होंने कहा कि यह उनका निजी बयान होगा। संजय राउत ने आज पार्टी की भूमिका साफ की है। चुनाव में हार पर उन्होंने कहा कि सीएम का चेहरा घोषित होता तो फायदा होता। एमवीए में क्या कमी रह गई, इस पर चिंतन होगा पर दोषारोपण करना अभी ठीक नहीं है।





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