Parliament- India TV Hindi

Image Source : PTI
संसद भवन

संसद के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को भी जमकर हंगामा हुआ। पहले विपक्षी दलों के सांसदों ने गौतम अडाणी और संविधान के मुद्दे पर विरोध किया। विपक्षी सांसद काला मास्क पहनकर पहुंचे थे। इसके बाद राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि एक सीट पर नोटों की गड्डी मिली है। यह गड्डी सफाईकर्मियों को सीट नंबर 222 पर मिली है, जो कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को अलॉट की गई है। इसके बाद से सदन में जमकर हंगामा हुआ। सभापति ने कहा कि एक गड्डी 500 रुपये के नोटों की है और ऐसा लगता है कि इसमें 100 नोट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि नोट असली हैं या नकली। 

कांग्रेस का कहना है कि सभापति को इस बात का खुलासा नहीं करना चाहिए था कि पैसे किसकी सीट पर मिले हैं। इस मामले पर सभापति को जांच करानी चाहिए और मामले की तह तक जाना चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि सभापति अपने हिसाब से एनआईए या दिल्ली पुलिस या किसी अन्य एजेंसी से जांच करा सकते हैं। विपक्ष के नेताओं ने यह आरोप भी लगाया कि अडाणी मुद्दे से सभी का ध्यान हटाने के लिए सरकार ने जानबूझकर नोटों वाली कहानी बनाई है। वहीं, सदन के नेता जे पी नड्डा ने दावा किया कि विपक्ष पर कुछ मुद्दों पर गंभीरता दिखाता है, वहीं अन्य मुद्दों पर पर्दा डालने का प्रयास करता है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने क्या कहा?

वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘मैं तो अचंभित हूं, मैं ने ऐसा कभी सुना नहीं। मैं गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर सदन में गया था और एक बजे कार्यवाही स्थगित हो गई। फिर मैंने कैंटीन में अयोध्या रामी रेड्डी (राज्यसभा सदस्य) के साथ दोपहर का भोजन किया और फिर डेढ़ बजे संसद भवन से रवाना हो गया।’’ उनका कहना था कि वह तीन मिनट सदन के अंदर और आधे घंटे कैंटीन में रहे। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि इस तरह के मामलों पर राजनीति होना हास्यास्पद है। बाद में उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि वह जब भी सदन में जाते हैं तो उनके पास 500 रुपये का सिर्फ एक नोट होता है।

क्या है नियम?

नोटों की गड्डी मिलने पर भले ही सभी नेता हंगामा कर रहे हों, लेकिन इसे लेकर कोई नियम नहीं है। कोई भी सांसद जितने चाहे उतने पैसे लेकर सदन के अंदर जा सकता है। संसद भवन के अंदर खाने-पीने की दुकानें और बैंक भी है। कई नेता इस बैंक से पैसे निकालते रहते हैं। ऐसे में संसद के अंदर नोट ले जाना नियमों के खिलाफ नहीं है। हालांकि, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, ‘‘आज डिजिटल जमाना है और कोई इतने सारे नोट लेकर नहीं चलता। इसकी जांच होनी चाहिए।’’ सभापति धनखड़ ने भी इस बात पर हैरानी जताई कि इन पैसों पर किसी ने दावा नहीं किया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कोई इन नोटों पर दावा करेगा, लेकिन अभी तक किसी ने दावा नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह अर्थव्यवस्था की उस स्थिति को दर्शाता है जिसमें लोग (नोटों की गड्डी को) भूल सकते हैं।’’ 

जब बीजेपी नेताओं ने उछाली थी नोटों की गड्डी

मनमोहन सिंह की अगुआई वाली यूपीए सरकार ने अमेरिका के साथ परमाणु समझौता किया था और इससे नाराज वामदलों ने यूपीए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश हुआ था और इसी दिन बीजेपी के तीन सांसद- अशोक अर्गल, फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगौरा लोकसभा में एक करोड़ रुपये लेकर पहुंचे थे। तीनों ने सदन के अंदर नोट उछाल दिए और कहा कि समाजवादी पार्टी के तत्कालीन महासचिव अमर सिंह और कांग्रेस के अहमद पटेल ने उन्हें विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट देने के लिए पैसों की पेशकश की थी। नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि सांसदों को तीन-तीन करोड़ रुपये का लालच दिया था। एक करोड़ रुपये पहले दिए गए थे और बाकी की रकम बाद में देने का आश्वासन दिया गया था। हालांकि, अमर सिंह और अहमद पटेल ने आरोपों को खारिज कर दिया था। लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने इस मामला दर्ज कर लिया था।

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version