लंबी प्रक्रिया के बाद अगले महीने तक हिंदुजा ग्रुप की कंपनी IIHL को कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (R-Cap) का अधिग्रहण पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद हिंदुजा ग्रुप ने बड़ी तैयारी की है। ग्रुप की तैयारी रिलायंस कैपिटल का कारोबार अगले 5 साल में बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (BFSI) कारोबार को 3 गुना से अधिक बढ़ाकर 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का है। आईआईएचएल के चेयरमैन अशोक पी हिंदुजा ने कहा, रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया से संबंधित अधिकांश स्वीकृतियां और प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। प्रशासक और सीओसी की ओर से कुछ प्रक्रियाएं पूरी होनी बाकी हैं। उम्मीद है कि ये सभी अगले चार से छह सप्ताह में पूरी हो जाएंगी और जनवरी के अंत तक आर-कैप हिंदुजा समूह के अधीन आ जाएगी।
9,650 करोड़ की बोली लगाई गई थी
उन्होंने कहा कि आर-कैप के अधिग्रहण के साथ इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) 2030 तक 50 अरब डॉलर के मूल्यांकन का लक्ष्य बना रही है, जबकि वर्तमान में उसका मूल्यांकन 15 अरब डॉलर (30 सितंबर, 2024 तक) है। मॉरीशस स्थित आईआईएचएल आर-कैप के समाधान के लिए 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाकर सफल दावेदार के रूप में उभरी। बाद में कंपनी ने आर-कैप के दिवाला समाधान प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो बोली की राशि से अधिक था। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने 27 फरवरी, 2024 को आईआईएचएल की समाधान योजना को मंजूरी दे दी और लेनदेन पूरा करने की समय सीमा 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दी।
31 जनवरी, 2025 तक था डेडलाइन
यह मंजूरी इसलिए महत्वपूर्ण थी, क्योंकि हिंदुजा समूह को 31 जनवरी, 2025 की विस्तारित समयसीमा तक सौदा पूरा करना था। समयसीमा पूरी न होने पर समूह को सौदे के लिए एचएनआई (अमीर व्यक्तियों), अल्ट्रा-एचएनआई (बहुत अमीर व्यक्तियों) और पारिवारिक कार्यालयों से जुटाई गई 3,000 करोड़ रुपए की राशि वापस करनी होगी। नवंबर 2021 में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी द्वारा शासन संबंधी मुद्दों और भुगतान चूक के कारण रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था।