मुंबई के मशहूर के.जे. सोमैया कॉलेज में मैनेजमेंट कोटे के नाम पर घोटाला सामने आया है। मामले में सामने आ रह कि मार्कशीट में हेर फेर कर बच्चों का एडमिशन करवाया गया है। इस मामले को लेकर अब पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि जांच में लगभग 50 बच्चों के डॉक्यूमेंट फर्जी मिले हैं। जानकारी दे दें कि सोमैया कॉलेज को अभी हाल ही में यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त हुआ था। इसके बाद मैनेजमेंट और प्रशासन की तरफ से कई फैसले भी लिए गए थे जिसमें फीस में बढ़ोतरी भी शामिल है। कॉलेज ने फैसिलिटी के नाम पर हर कोर्स का रेट भी बढ़ाया था। ये मुद्दा थोड़ा चर्चा में भी आया था।
कुछ क्लर्क करते थे धांधली
अब सोमैया के 3 अलग-अलग कॉलेज की ब्रांच में जांच के दौरान पता चला है कि कॉलेज प्रबंधन से जुड़े हुए कुछ क्लर्क फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर एडमिशन करवाने में शामिल थे। इस मामले में अब तक कॉलेज प्रबंधन के दो और बाहर से एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि सोमैया कॉलेज आफ आर्ट्स एंड कॉमर्स के प्रिंसिपल डॉक्टर किशन पवार द्वारा मुंबई के तिलक नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि कॉलेज कैंपस में अकादमी ईयर 2024-25 में फर्जी तरीके से 50 छात्रों को डुप्लीकेट मार्कशीट मुहैया कराकर एडमिशन दिलाया गया है।
3 शख्स फरार
शिकायत के बाद पुलिस ने 49 वर्षीय महेंद्र पाटिल, 43 वर्षीय अर्जुन राठौड़ और देवेंद्र नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया। वहीं, इस मामले में तीन आरोपी फरार हैं जिनके कमलेश, जीतू और बाबू नाम बताए जा रहे हैं। पुलिस को तीनों की सरगर्मी से तलाश है। बता दें कि कॉलेज के तीन ब्रांच जिसमें केजे सोमैया आर्ट्स एंड कॉमर्स, केजे सोमैया साइंस एंड कॉमर्स और SK सोमैया विद्या मंदिर जूनियर कॉलेज शामिल है। आपको बता दें तीनों कॉलेज के एक ही कैंपस में ब्रांच है।
इस खामी का फायदा उठाकर करते थे धांधली
पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि कुछ बोर्ड्स जैसे CBSC, ICSE, IGCSC इन सभी के एडमिशन के समय डाटा एंट्री मैन्युअल की जाती है और इसी का फायदा उठाकर यह घोटाला किया गया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि मैनेजमेंट कोटा के नाम पर बच्चों को एडमिशन दिलाया जाता था और काम पूरा होने के बाद पैसे लिए जाते थे।
कॉलेज प्रबंधन की ओर से बताया गया कि रूटीन जांच के दौरान उन्हें कुछ डाक्यूमेंट्स में कमियां नजर आई इसके बाद सूचना मिलने पर इस घोटाले का पता चला। प्रबंधन को बच्चों की मार्कशीट और लिविंग सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन करते हुए पता चला कि कुछ विद्यार्थियों द्वारा बोगस सर्टिफिकेट सबमिट किए गए हैं। कॉलेज प्रबंधन ने ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि 24 छात्रों ने केजे सोमैया आर्ट्स एंड कॉमर्स के 11वीं कक्षा के एडमिशन के लिए बोगस सर्टिफिकेट सबमिट किया। इसी तरह 17 और छात्रों ने SK सोमैया में एडमिशन के लिए फर्जी मार्कशीट का सहारा लिया।
मैनेजमेंट कोटा के नाम पर करते थे घोटाला
इन सभी बच्चों के माता-पिता से बात करने के बाद पता चला कि कुछ लोग उन्हें मैनेजमेंट के नाम पर एडमिशन दिलाने के लिए कहते थे और परिवार की तरफ से लगभग ₹3 लाख हर एक बच्चे से एडमिशन के ऊपर इन आरोपियों ने लिए हैं। पुलिस को दिए गए स्टेटमेंट में कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि जिस पर डॉक्यूमेंट अपलोड करना होता था इन्होंने फर्जी तरीके से फेक डॉक्यूमेंट वेबसाइट पर अपलोड किए।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके पहले भी एडमिशन के लिए इस प्रकार की धांधली की गई होगी जिसकी जांच पुलिस और कॉलेज प्रशासन कर रहा है। फिलहाल मुंबई के तिलक नगर पुलिस स्टेशन में IT एक्ट की धारा 66 (C) 66 (D) और BNS की धारा 318 (4), 336 (2), 336(3), 338 और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।