राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को समाज को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लोग सिर्फ अपने बारे में सोचेंगे, तो इसका नतीजा जनसंख्या में गिरावट के रूप में सामने आएगा। भागवत पुणे में आयोजित ‘हिंदू सेवा महोत्सव’ के उद्घाटन के मौके पर लोगों से अपील की कि वे सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के बारे में न सोचें और समाज की भलाई के लिए परिवार बनाने पर ध्यान केंद्रित करें।
जनसंख्या में गिरावट की बताई वजह
मोहन भागवत ने कहा, “जो लोग केवल खुद के बारे में सोचते हैं, वे परिवार नहीं बनाना चाहते। वे सोचते हैं कि शादी क्यों करनी चाहिए, उन्हें किसी का गुलाम क्यों बनना चाहिए? हां, करियर भी महत्वपूर्ण है, लेकिन किसी को सिर्फ और सिर्फ खुद के बारे में नहीं सोचना चाहिए, क्योंकि हम व्यक्ति समाज, पर्यावरण, ईश्वर और देश के कारण हैं, और हम उनके बहुत आभारी हैं।” आरएसएस प्रमुख ने यह भी बताया कि इस सोच के कारण देश की जनसंख्या में गिरावट आ रही है और इसके लिए कोई और कारण नहीं है।
जनसंख्या पर पहले भी दे चुके हैं बयान
बता दें कि कुछ दिन पहले मोहन भागवत ने देश में जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि अगर जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 प्रतिशत से कम हो जाती है तो समाज समाप्त हो जाएगा। इसी कार्यक्रम में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद गिरी महाराज ने भी जनसंख्या वृद्धि पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “बटेंगे तो कटेंगे” का संदेश तो अब सभी समझ गए हैं, लेकिन एक और बात जो सभी को समझनी चाहिए वह है “घटेंगे तो भी कटेंगे।” स्वामी गोविंद गिरी ने यह कहा कि हिंदुओं की संख्या में वृद्धि होनी चाहिए। (भाषा)
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