Mahakumbh 2025: निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ‘सत्य सनातन’ कॉन्क्लेव में शामिल हुए। यहां महामण्डलेश्वर महाकुंभ की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह सत्य वंदनीय है उसी तरह सनातन धर्म वंदनीय है। केवल सनातन धर्म में ही सत्य की पूजा होती है और कुंभ इसका जीता जागता प्रमाण।
सनातन परंपरा को लेकर क्या कहा
आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी कहते हैं कि, सनातन से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि सनातन में हर किसी का सम्मान होता है गंगा, जमुना, सरस्वती जैसी नदियां भी यहां पूजनीय हैं। गौ माता की भी यहां पूजा होती है। हर किसी का सम्मान करना सनातन में सीखाया जाता है, इसलिए सनातन धर्म सर्वश्रेष्ठ है।
महाकुंभ में क्या अंतर दिखा?
महाकुंभ के बदलते स्वरूप को लेकर आचार्य जी ने कहा कि, आज जो सरकार उसके चलते इसका स्वरूप बहुत बदला है। अखाड़ों के बीच अच्छा भाई चारा है। कुंभ मेले का आकार बढ़ा है। उन्होंने बताया कि इस बार 35 से 40 करोड़ लोग महाकुंभ में शामिल होने वाले हैं।