वाशिंगटन में ट्रंप प्रशासन के मंत्रियों के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर।

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वाशिंगटन में ट्रंप प्रशासन के मंत्रियों के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर।

वाशिंगटन: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के कमान संभालते ही बांग्लादेश में खलबली मच गई है। भारत ने ट्रंप प्रशासन के सामने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है। संकेत मिल रहे हैं कि ट्रंप प्रशासन जल्द ही बांग्लादेश पर इस बाबत सख्त कार्रवाई कर सकता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज के साथ संक्षिप्त चर्चा की है।

हालांकि जयशंकर ने वार्ता का पूरा ब्यौरा बताना उचित नहीं समझा। इससे भी लग रहा है कि अमेरिका बांग्लादेश पर कोई कड़ी कार्रवाई कर सकता है। जयशंकर ने भारतीय पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘हां हमने बांग्लादेश पर संक्षिप्त चर्चा की। मगर मुझे नहीं लगता कि उसके बारे में ज्यादा जानकारी देना उचित होगा।’’ दरअसल उनसे सवाल किया गया था कि क्या रूबियो और वाल्ट्ज के साथ बैठक के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव के मुद्दे पर चर्चा हुई थी जिस पर उन्होंने यह जवाब दिया।

यूनुस सरकार में हिंदुओं पर हो रहा जुल्म

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद से ही ढाका में हिंदुओं पर जुल्म ढाया जा रहा है। मोहम्मद यूनुस की सरकार हिंदुओं पर हो रहे इस अत्याचार के खिलाफ पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। 5 अगस्त के बाद से बांग्लादेश में सैकड़ों हिंदुओं के घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों को आग के हवाले किया जा चुका है। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाएं भी रिपोर्ट की गई हैं। मगर बांग्लादेश की सरकार इन अत्याचारों पर पर्दा डालती आई है। इन तमाम मुद्दों पर अब ट्रंप प्रशासन की ओर से कार्रवाई किए जाने की उम्मीद की जा रही है। 

इन मुद्दों पर भी हुई बात

जयशंकर ने कहा कि अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावासों पर हमलों या यहां भारतीय राजनयिकों को खतरे के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस अवसर पर उन मुद्दों को नहीं उठाया।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘लेकिन मैं यह जरूर कहूंगा कि सैन फ्रांसिस्को में हमारे वाणिज्य दूतावास पर हमला बहुत ही गंभीर मामला है। यह ऐसा मामला है जिसके लिए हम जवाबदेही की उम्मीद करते हैं और चाहते हैं कि जिसने यह हमला किया है, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाए।’’ पिछले दो वर्षों में अमेरिकी अदालतों में आए दो मामलों – एक पूर्व भारतीय अधिकारी के खिलाफ और दूसरा एक भारतीय कारोबारी के खिलाफ, के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, ‘‘इन मामलों को नहीं उठाया (बैठक के दौरान) गया। (भाषा)

 

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