Digital Fraud

Photo:FILE डिजिटल धोखाधड़ी

डिजिटल धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​​​ने सोमवार को बैंकों से इनपर लगाम लगाने के लिए मजबूत सिस्टम बनाने के साथ जोखिमों को कम करने के लिए थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया। मल्होत्रा ​​​​ने यहां सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEO) से मुलाकात में यह बात कही। इस दौरान आरबीआई के डिप्टी गवर्नर- एम राजेश्वर राव, टी रबी शंकर और स्वामीनाथन जे भी मौजूद थे। बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के विनियमन और पर्यवेक्षण के प्रभारी कार्यकारी निदेशक भी शामिल हुए। 

कारोबारी सुगमता बढ़ाने पर मांगे गए सुझाव 

आरबीआई गवर्नर ने डिजिटल धोखाधड़ी में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की और बैंकों को ऐसे प्रयासों को विफल करने के लिए मजबूत एवं सक्रिय प्रणाली स्थापित करने की सलाह दी। आरबीआई की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े जोखिम के प्रबंधन और साइबर सुरक्षा पर चर्चा करते हुए मल्होत्रा ने बैंकों से तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं पर निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया, ताकि उनसे उत्पन्न होने वाले जोखिमों को कम किया जा सके। बैठक में आरबीआई और बैंकों से साथ मिलकर काम करने की जरूरत पर बल दिया गया और बैंकों से कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए सुझाव मांगे गए। इसके साथ ही मल्होत्रा ​​ने बैंकों से निरंतर वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने, वित्तीय समावेश का विस्तार करने, डिजिटल साक्षरता में सुधार करने, ऋण की उपलब्धता और सामर्थ्य बढ़ाने, ग्राहक सेवा और शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने और प्रौद्योगिकी में निवेश जारी रखने को कहा।

पिछली बैठक 3 जुलाई, 2024 को हुई थी

इसके अलावा, आरबीआई प्रमुख ने घरेलू वित्तीय प्रणाली को जुझारू बनाने में बैंकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया और वैश्विक स्तर पर मौजूद कुछ मुख्य कमजोरियों को उजागर किया जो नकारात्मक जोखिम पैदा कर सकती हैं। यह बैठक केंद्रीय बैंक की अपनी पर्यवेक्षित संस्थाओं के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ निरंतर संपर्क का एक हिस्सा थी। इस तरह की पिछली बैठक तीन जुलाई, 2024 को हुई थी।

5 साल में क्रेडिट कार्ड दोगुने से अधिक हुए

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर, 2019 से पिछले पांच साल में क्रेडिट कार्ड की संख्या दोगुनी से अधिक होकर लगभग 10.80 करोड़ हो गई है। इस दौरान डेबिट कार्ड की संख्या अपेक्षाकृत स्थिर रही है। सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि दिसंबर, 2024 के अंत में क्रेडिट कार्ड की संख्या दिसंबर, 2019 की तुलना में दोगुना से अधिक होकर लगभग 10.80 करोड़ हो गई। 

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