माघ पूर्णिमा

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माघ पूर्णिमा

माघ माह की पूर्णिमा तिथि इस बार 12 फरवरी को मनाई जाने वाली है। साल 2025 महाकुंभ होने के कारण इस तिथि पर अगला बड़ा स्नान होने वाला है। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में श्रद्धालुओं को स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। कहते हैं कि माघ पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने मतस्य अवतार लिया था, इस कारण इस दिन का विशेष महत्व है। इस दिन को खास बनाने के लिए खुद देवी-देवता भी मनुष्य का रूप धर मृत्युलोक में गंगा स्नान करने आते हैं और श्रीहरि, मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

होती है चंद्रदेव की पूजा

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के अलावा चंद्रदेव की पूजा का भी विधान है, माना जाता है कि इनकी विधिवत पूजा करने से जातक को चंद्र दोष से छुटकारा मिल जाता है। इसके अलावा, इस दिन सत्यनारायण व्रत कथा का भी काफी महत्व है। इस कथा को करने व सुनने वाले के सभी पाप जड़ से नष्ट हो जाते हैं।

भगवान विष्णु समेत चंद्र देव की ऐसे करें पूजा

इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इसके अलावा, चंद्रदेव को अर्घ्य देने को भी महत्व है। सबसे पहले भगवान विष्णु (शालीग्राम) को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें तुलसी, मिठाई आदि का भोग लगाएं। फिर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आरती करें।

जानकारी के लिए बता दें कि पूर्णिमा पर चंद्रदेव की भी पूजा होती है, ऐसे में चंद्रोदय के बाद शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें और चंद्रमंत्र का उच्चारण करें। इसके अलावा, उनके लिए दीपक भी जलाएं। मान्यता है कि चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्र दोषों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही गरीब और जरूरतमंद के बीच अन्न और धन व सफेद वस्त्र का दान जरूर करें, इससे चंद्रदेव की कृपा बरसती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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