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फ्री वाई-फाई

Free Wi-Fi के चक्कर में आपके साथ बड़ा स्कैम हो सकता है। हाल ही में UGC यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने छात्रों को पब्लिक Wi-Fi से पर्सनल या प्रोफेशनल अकाउंट में लॉगिन न करने की सलाह दी है। यूजीसी ने छात्रों को आगाह करते हुए कहा है कि इसके इस्तेमाल से लोग स्कैम या फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं। अगर, आप भी फ्री यानी पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको बड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। एक छोटी सी भी लापरवाही आपके साथ बड़ा फ्रॉड करवा सकती है।

क्या है Public Wi-Fi?

आम तौर पर बस स्टॉप, रेलवे, एयरपोर्ट, कैफे, रेस्टोरेंट और पब्लिक लाइब्रेरी जैसी सार्वजनिक जगहों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा मिलती है। यूजर्स इन जगहों पर अपने मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट आदि में बिना किसी एक्टिव डेटा प्लान के भी इंटरनेट यूज कर सकते हैं। ऐसी Wi-Fi सर्विस को पब्लिक वाई-फाई कहा जाता है। फ्री वाई-फाई वाले नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए एक ऑर्डिनरी पासवर्ड की जरूरत होती है। कई जगहों पर पब्लिक वाई-फाई ओपन नेटवर्क पर रखा जाता है, जिसकी वजह से कोई भी अपने डिवाइस में इंटरनेट चला सकेंगे।

फ्री वाई-फाई है खतरनाक

जैसा कि नाम से ही साफ है कि पब्लिक Wi-Fi के जरिए कोई भी अपना डिवाइस कनेक्ट कर सकते हैं। ऐसे में हैकर्स के लिए इन फ्री वाई-फाई में सेंध लगाना बाएं हाथ का खेल है। वे फ्री वाई-फाई सर्विस में एंटर करके आसानी से वायरस या मैलवेयर कनेक्टेड डिवाइस में भेज सकते हैं। यही कारण है कि पब्लिक वाई-फाई में डेटा चोरी और हैकिंग का खतरा रहता है।

पब्लिक वाई-फाई की सेवाएं फ्री होने की वजह से इसके सिक्योरिटी अपडेट पर ध्यान नहीं जाता है, जिसकी वजह से हैकर्स को कनेक्टेड यूजर्स के डिवाइस में एंट्री का अवसर मिल जाता है। पब्लिक Wi-Fi के जरिए इंटरनेट यूज करने वालों को अपने ई-मेल, बैंकिंग आदि सेवाओं को फ्री वाई-फाई में एक्सेस न करें।

क्या न करें?

जैसा कि नाम से ही साफ है कि इस तरह की फ्री वाई-फाई की सर्विस पब्लिक के लिए होती है। ऐसे में आप अपने फोन या लैपटॉप को जब तक बेहद जरूरी न हो हो, इसके साथ कनेक्ट न करें। अगर, आप पब्लिक Wi-Fi का यूज कर रहे हैं तो कोई डिजिटल पेमेंट या सोशल मीडिया ऐप्स को ओपन न करें।

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