दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

नई दिल्लीः बीजेपी विधायक दल की नेता रेखा गुप्ता ने गुरुवार को रामलीला मैदान में एक भव्य समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने रेखा गुप्ता और उनके मंत्रिपरिषद को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रवींद्र इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह सहित छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली।

पीएम मोदी समेत कई मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री रहे मौजूद

शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के नेता मौजूद रहे। इनके अलावा एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम भी शपथग्रहण के गवाह बने। 

जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस, बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और अन्य नेता भी मौके पर मौजूद थे। 

दिल्ली की जमीनी नेता हैं रेखा गुप्ता

दिल्ली में विभिन्न संगठनात्मक पदों पर और पार्षद और मेयर के रूप में सेवा करने वाली रेखा गुप्ता राष्ट्रीय राजधानी के मुद्दों और समस्याओं से परिचित हैं। भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में वादों की भरमार होने के कारण, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे जमीनी स्तर पर काम करेंगी और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएंगी।

कौन हैं रेखा गुप्ता जिन्हें मिली बड़ी जिम्मेदारी 

शालीमार बाग सीट से निर्वाचित विधायक रेखा गुप्ता दिल्ली में भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव और इसकी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सदस्य रह चुकी हैं। रेखा गुप्ता पहली बार विधायक बनी हैं और अब मुख्यमंत्री भी बन गईं। रेखा गुप्ता ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से की। दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद वे 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष बनीं और छात्रों के मुद्दों को सक्रिय रूप से उठाया। 

2007 में बनी थीं पार्षद

2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद के रूप में, उन्होंने क्षेत्र में पुस्तकालयों और पार्कों जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास पर काम किया। उन्होंने एलएलबी भी किया है और वह एक गैर सरकारी संगठन की संस्थापक हैं। वह 2023 में आप की शैली ओबेरॉय से मेयर का चुनाव हार गईं। पहली बार विधायक बनीं 50 वर्षीय रेखा गुप्ता को दिल्ली भाजपा में वरिष्ठ नेताओं पर तरजीह दी गई, ऐसा जाहिर तौर पर इसलिए क्योंकि पार्टी चाहती थी कि यह पद एक महिला नेता को मिले। वह दिल्ली भाजपा के कुछ अन्य नेताओं की तुलना में लो प्रोफाइल रहने के लिए जानी जाती हैं।





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