वर्क लाइफ बैलेंस

Photo:FILE वर्क लाइफ बैलेंस

समाज सेवा से जुड़ी और उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की पत्नी नीरजा बिड़ला ने कहा है कि लोगों को वर्क और लाइफ के बीच बैलेंस बनाने की जरूरत है। उन्होंने काम, नींद और आराम के बीच आठ-आठ-आठ घंटे के समय का विभाजन करने की बात कही है और इसका पालन मुश्किल है। नीरजा ने कहा कि हमें सही मायने में वर्क और लाइफ के बीच सामंजस्य बैठाने पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बुधवार को पीटीआई-वीडियो को दिये एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘वर्क-लाइफ में बैलेंस बनाने की जरूरत है। बिल्कुल आठ-आठ-आठ घंटे के हिसाब से काम करना, अच्छा समय बिताना और सोने की बात असंभव है। वास्तव, यह एक आदर्शवादी स्थिति है। लेकिन हम इसमें सामंजस्य कैसे लाते हैं, यह महत्वपूर्ण है।’’

वर्क-लाइफ बैलेंस जरूरी

नीरजा ने यह बात काम के घंटों को लेकर जारी बहस के बीच कही है। एक कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कर्मचारियों से प्रति सप्ताह 90 घंटे तक काम करने की बात कही थी। जबकि कुछ ने कम कार्य दिवस का समर्थन किया है। कुछ ने घंटों के बजाय वर्क प्रोडक्टिविटी को महत्व देने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें वास्तव में जिस चीज पर काम करने की जरूरत है वह कामकाजी जीवन में सामंजस्य बैठाना है। हम इसमें कैसे सामंजस्य बिठाते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है, आखिरकार यह सब बैलेंस के बारे में है।’’

स्टूडेंट्स में अकेलापन चिंता की बात

नीरजा ने ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में की गई कुछ टिप्पणियों से उत्पन्न विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों और परिवारों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बच्चे ‘सही भाषा’ बोलें। उनका मानना ​​है कि आमतौर पर तनाव का स्तर काफी बढ़ गया है और छात्रों में अकेलापन काफी चिंता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है।’’

(पीटीआई/भाषा)

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